बीएमसी ने मुंबई में वायु गुणवत्ता में सुधार का दावा किया, कहा-जीआरएपी का चौथा चरण अभी लागू नहीं

बीएमसी ने मुंबई में वायु गुणवत्ता में सुधार का दावा किया, कहा-जीआरएपी का चौथा चरण अभी लागू नहीं

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  • Publish Date - December 2, 2025 / 12:44 AM IST,
    Updated On - December 2, 2025 / 12:44 AM IST

मुंबई, एक दिसंबर (भाषा) बृहन्मुंबई महानगर पालिका (बीएमसी) ने सोमवार को दावा किया कि मुंबई और उसके उपनगरों में किए गए कई प्रदूषण नियंत्रक उपायों के कारण 26 नवंबर के बाद से क्षेत्र की वायु गुणवत्ता में उल्लेखनीय सुधार हुआ है।

बीएमसी ने बताया कि प्रदूषण मानदंडों का उल्लंघन करने पर 482 निर्माण स्थलों को कारण बताओ नोटिस जारी किए गए हैं।

नगर निकाय ने बताया कि 482 निर्माण परियोजनाओं में से 264 को ‘काम रोकने’ का नोटिस दिया गया है।

नगर निकाय के अधिकारियों ने बताया, “वायु प्रदूषण नियंत्रण दिशा-निर्देशों का कथित रूप से उल्लंघन करने और वायु गुणवत्ता को खराब करने में योगदान देने के लिए पूरी मुंबई में 482 निर्माण स्थलों को कारण बताओ नोटिस जारी किए गए हैं।”

बीएमसी ने यहां एक विज्ञप्ति में यह भी स्पष्ट किया कि वायु प्रदूषण पर अंकुश लगाने के उद्देश्य से कड़े प्रतिबंधों वाली ‘चरणबद्ध प्रतिक्रिया कार्ययोजना’ (जीआरएपी) का चौथा चरण वर्तमान में मुंबई में लागू नहीं है, लेकिन गहन निगरानी के निर्देश दिए गए हैं।

नगर आयुक्त और बीएमसी प्रशासक भूषण गगरानी ने अधिकारियों को निर्देश दिया कि वे उन निजी निर्माण स्थलों के साथ-साथ सरकारी व गैर-सरकारी परियोजनाओं के खिलाफ सख्त कार्रवाई जारी रखें, जो महानगर पालिका के 28-सूत्रीय दिशा-निर्देशों का उल्लंघन करते हैं।

बीएमसी ने कहा कि हवा की गति में सुधार के साथ-साथ अनियमित निर्माण परियोजनाओं को नोटिस, पानी का छिड़काव, सड़क की धुलाई, जागरूकता अभियान और बेकरी व श्मशान घाटों द्वारा स्वच्छ ईंधन अपनाने जैसे उपायों ने पिछले 48 घंटे में वायु गुणवत्ता सूचकांक (एक्यूआई) में सुधार लाने में योगदान दिया है।

बीएमसी के मुताबिक, 28 नवंबर से पहले उच्च आर्द्रता के साथ हवा की गति तीन से चार किलोमीटर (किमी) प्रति घंटा थी, जो अब बढ़कर 10 से 18 किमी प्रति घंटा हो गई है, जिससे मुंबई में प्रदूषण कम करने में मदद मिली है।

बीएमसी ने प्रदूषण कम करने से जुड़े उपायों के कार्यान्वयन की निगरानी के लिए 94 वार्ड-स्तरीय उड़न दस्ते बनाए हैं।

ये दस्ते निजी स्थलों के साथ-साथ सड़क व मेट्रो परियोजना के खंडों का निरीक्षण कर रहे हैं और जहां भी उल्लंघन पाया जाता है, वहां काम रोकने के नोटिस जारी कर रहे हैं।

सीपीसीबी के मानकों के अनुसार, 0 से 50 के बीच एक्यूआई ‘अच्छा’, 51 से 100 के बीच ‘संतोषजनक’, 101 से 200 के बीच ‘मध्यम’, 201 से 300 के बीच ‘खराब’, 301 से 400 के बीच ‘बेहद खराब’ और 401 से 500 के बीच ‘गंभीर’ माना जाता है।

भाषा जितेंद्र पारुल

पारुल