नागपुर (महाराष्ट्र), 23 अप्रैल (भाषा) नागपुर के एक व्यवसायी और उसके बेटे के बारे में यह पता चलने के बाद धोखाधड़ी और जालसाजी का मामला दर्ज किया गया है कि उन्होंने यातायात चालान (जुर्माना) भरने से बचने के लिए अपनी मर्सिडीज कार पर फर्जी नंबर प्लेट का इस्तेमाल किया था। पुलिस अधिकारियों ने बुधवार को यह जानकारी दी।
उन्होंने बताया कि आरोपियों की पहचान वर्धा रोड की एक आवासीय कॉलोनी के निवासी व्यवसायी हरीश देवीचरण तिवारी (50) और उनके बेटे यश हरीश (25) के रूप में की गयी है।
यातायात पुलिस के अधिकारियों ने बताया कि उनकी मर्सिडीज कार का मूल पंजीकरण नंबर (एमएच-31/ईएक्स-9993) है, लेकिन लगभग एक साल से वे फर्जी नंबर प्लेट का इस्तेमाल कर रहे थे, जो कि एक अन्य मर्सिडीज मालिक हनीत सिंह अरोड़ा की गाड़ी का नंबर है और वह मुंबई के पास मीरा रोड के निवासी हैं।
उन्होंने बताया कि इस धोखाधड़ी का पता तब चला जब फर्जी नंबर प्लेट वाली मर्सिडीज कार शहर के एक मॉल के पास ‘नो-पार्किंग जोन’ (ऐसी जगह जहां वाहन खड़ा नहीं किया जा सकता) में खड़ी पाई गई।
अधिकारियों ने बताया कि सोनेगांव यातायात क्षेत्र जोन के मुख्य आरक्षी सुरेंद्र पगारे ने ई-चालान सिस्टम में नंबर को स्कैन किया तो पाया कि यह ‘संदिग्ध’ के रूप में सूचीबद्ध है।
अधिकारियों ने बताया कि इस नंबर की पहले ही संबंधित यातायातकर्मियों को सूचना दे दी गयी थी क्योंकि उसके असली मालिक सिंह ने शिकायत की थी कि उनकी कार नागपुर में नहीं है लेकिन उन्हें विदर्भ शहर में यातायात उल्लंघन के लिए ई-चालान संदेश मिले थे।
उन्होंने बताया कि कार को देखने के बाद पुलिस ने हरीश तिवारी और उनके बेटे यश को पूछताछ के लिए बुलाया लेकिन वे बिना गाड़ी के कागजात के पहुंचे थे।
उन्होंने बताया कि ‘लग्जरी’ कार को जब्त कर लिया गया और जांच के दौरान पुलिस को पता चला कि पिछले साल इस फर्जी नंबर पर चार चालान जारी किए गए थे।
पुलिस ने पिता-पुत्र के खिलाफ नई आपराधिक संहिता बीएनएस की संबंधित धाराओं के तहत प्राथमिकी दर्ज की।
भाषा राजकुमार शफीक
शफीक