बूचड़खाने बंद करने की नीति पहली बार 1988 में पवार के मुख्यमंत्री रहते लागू की गई थी: भाजपा

बूचड़खाने बंद करने की नीति पहली बार 1988 में पवार के मुख्यमंत्री रहते लागू की गई थी: भाजपा

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  • Publish Date - August 13, 2025 / 04:04 PM IST,
    Updated On - August 13, 2025 / 04:04 PM IST

मुंबई, 13 अगस्त (भाषा) भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) ने बुधवार को कहा कि स्वतंत्रता दिवस पर बूचड़खाने बंद रखने की नीति पहली बार 1988 में लागू की गई थी जब राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी (शरदचंद्र पवार) अध्यक्ष शरद पवार महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री थे। पार्टी ने जानना चाहा कि क्या विपक्ष इस बारे में वरिष्ठ नेता से सवाल करेगा।

भाजपा की महाराष्ट्र इकाई के मुख्य प्रवक्ता केशव उपाध्ये ने यह सवाल राकांपा (एसपी) विधायक जितेंद्र आव्हाड और शिवसेना (उद्धव बालासाहेब ठाकरे) विधायक आदित्य ठाकरे से राज्य के कुछ नगर निकायों द्वारा 15 अगस्त को बूचड़खानों और मांस बेचने वाली दुकानों को बंद करने के आदेश पर उठे विवाद के मद्देनजर किया।

उपाध्ये ने कहा कि 15 अगस्त को बूचड़खाने बंद रखने की नीति मूल रूप से शंकरराव चव्हाण के नेतृत्व वाली तत्कालीन कांग्रेस सरकार द्वारा बनाई गई थी।

उन्होंने कहा, ‘‘1988 में एक महीने के भीतर ही शरद पवार मुख्यमंत्री बन गए और पहली बार इस नीति को लागू किया।’’

उन्होंने दावा किया कि महा विकास आघाडी (एमवीए) सरकार के दौरान यही प्रथा बिना किसी विरोध के जारी रही, जिसमें आव्हाड और ठाकरे दोनों मंत्री थे।

पवार चार बार महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री रहे। वह पहली बार 1978 में मुख्यमंत्री बने थे।

एमवीए में उद्धव ठाकरे के नेतृत्व वाली शिवसेना (उबाठा), अविभाजित राकांपा और कांग्रेस ने सत्ता साझा की थी। एमवीए सरकार ने नवंबर 2019 से जून 2022 राज्य पर शासन किया।

उपाध्ये ने कहा, ‘‘क्या वे उस समय ऐसा निर्णय लेने के लिए शरद पवार से जवाब मांगेंगे? क्या वे उनकी भी आलोचना करेंगे? आव्हाड और ठाकरे को अब इसका जवाब देना चाहिए।’’

उन्होंने आरोप लगाया, ‘‘दोनों (आव्हाड और ठाकरे) अपनी (मूल) पार्टी और सरकार खो चुके हैं। इसलिए, वे हताश हैं और राज्य सरकार को निशाना बनाने वाले किसी भी फैसले में खामियां ढूंढते हैं।’’

छत्रपति संभाजीनगर नगर निगम ने त्योहारों के मद्देनजर दो दिन 15 और 20 अगस्त को शहर की सीमा के भीतर बूचड़खानों और मांस बेचने वाली दुकानों को बंद करने की घोषणा की है।

नगर निगम ने कहा है कि 15 अगस्त को गोकुल अष्टमी के अवसर पर इन्हें बंद करने का आदेश दिया गया है, जो भगवान कृष्ण के जन्म का उत्सव मनाने वाला एक हिंदू त्योहार है और 20 अगस्त को जैन समुदाय के एक प्रमुख त्योहार ‘पर्यूषण पर्व’ के कारण बंद का आदेश दिया गया है। इस पर्व में जैन समुदाय के लोग उपवास रखते हैं और प्रार्थनाएं करते हैं।

यह आदेश मुंबई के निकट ठाणे जिले में कल्याण डोंबिवली नगर निगम (केडीएमसी) द्वारा 15 अगस्त को मांस की दुकानों को बंद करने का निर्देश देने के तुरंत बाद आया है।

खबरें हैं कि मालेगांव नगर निगम ने भी ऐसा ही आदेश जारी किया है।

भाषा सुरभि नरेश

नरेश