मुंबई, 23 दिसंबर (भाषा) भारतीय वायुसेना के पूर्व प्रमुख एयर चीफ मार्शल (सेवानिवृत्त) वीआर चौधरी ने मंगलवार को कहा कि ‘ऑपरेशन सिंदूर’ के दौरान जब पाकिस्तान ने भारतीय रक्षा प्रतिष्ठानों पर हमला किया, तो भारतीय वायुसेना ने भी करारा जवाब देते हुए उसके सबसे अहम सैन्य ठिकानों को निशाना बनाया।
चौधरी ने कहा कि भारतीय सशस्त्र बलों की मुंहतोड़ जवाबी कार्रवाई के कारण पाकिस्तान ने मई में चार दिन चले सैन्य संघर्ष के बाद आखिरकार “घुटने टेक दिए।”
उन्होंने कहा कि भारत सरकार ने अप्रैल में हुए पहलगाम हमले के जवाब में आतंकवादी शिविरों को नष्ट करने के लिए पाकिस्तान के अंदरूनी इलाकों में हमला करने का बहुत ही साहसिक निर्णय लिया।
एयर चीफ मार्शल (सेवानिवृत्त) चौधरी आईआईटी बंबई में आयोजित एक कार्यक्रम में बोल रहे थे, जिसमें पूर्व नौसेना प्रमुख आर हरि कुमार और पूर्व सेना प्रमुख मनोज पांडे भी मौजूद थे। उन्होंने कहा कि ‘ऑपरेशन सिंदूर’ भारतीय थल सेना, नौसेना और वायुसेना की संयुक्त टीमों की साहसिक योजना का नतीजा था।
सात मई को भारत ने पाकिस्तान और उसके कब्जे वाले कश्मीर (पीओके) में नौ आतंकी शिविरों पर हमला किया, जिनमें से दो शिविरों-बहावलपुर और मुर्दिके-पर मुख्य रूप से भारतीय वायु सेना ने हमला किया।
पूर्व वायु सेना प्रमुख ने कहा कि यह पहली बार था, जब भारत इतनी गहराई में गया और एकदम सटीक निशाना साधा।
उन्होंने कहा, “हमें किसी न किसी तरह की प्रतिक्रिया की उम्मीद थी। पाकिस्तानियों ने हमारे सैन्य ठिकानों और नागरिक लक्ष्यों पर ड्रोन और मिसाइल हमले करके जवाब दिया। उन्होंने उधमपुर में कुछ अस्पतालों को भी निशाना बनाया।”
हालांकि, एयर चीफ मार्शल (सेवानिवृत्त) चौधरी ने कहा कि भारत की एकीकृत हवाई रक्षा प्रणाली इन सभी हमलों को नाकाम करने में सफल रही।
उन्होंने कहा, “हमने भारत पर दागे गए हर ड्रोन और मिसाइल को मार गिराया। हमारे देश में कोई क्षति नहीं हुई। जब वे हमारे ठिकानों को निशाना बना रहे थे, तो स्थिति थोड़ी बेकाबू हो रही थी। जब वे हमारे ठिकानों पर हमला कर रहे थे, तो हमें जवाबी कार्रवाई करनी पड़ी और उनके उन ठिकानों पर हमला करना पड़ा, जहां से उनके विमान और ड्रोन उड़ान भरते थे।”
भाषा पारुल माधव
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