Nagpur Violence Updates: शहर के कई इलाकों में लगा कर्फ्यू, घर से बाहर निकलने पर होगी बड़ी कार्रवाई, इस वजह से लिया गया फैसला

Nagpur Violence Updates: शहर के कई इलाकों में लगा कर्फ्यू, घर से बाहर निकलने पर होगी बड़ी कार्रवाई, इस वजह से लिया गया फैसला

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  • Publish Date - March 18, 2025 / 10:57 AM IST,
    Updated On - March 18, 2025 / 10:57 AM IST

Nagpur Violence Updates | Photo Credit: IBC24

HIGHLIGHTS
  • नागपुर में हिंसा के बाद पुलिस ने निषेधाज्ञा लागू की।
  • चिटनिस पार्क और हंसपुरी इलाके में झड़पों और तोड़फोड़ की घटनाएँ हुईं।
  • पुलिस ने हंसपुरी इलाके में त्वरित कार्रवाई की और वहां सुरक्षा बढ़ा दी।

नागपुर: महाराष्ट्र के नागपुर शहर में हिंसा के बीच निषेधाज्ञा लागू कर दी गई है। हंसपुरी इलाके में एक और झड़प के बाद यह निर्णय लिया गया। पुलिस ने यह जानकारी दी। नागपुर के पुलिस आयुक्त डॉ. रविंद्र सिंघल ने बताया कि शहर में भारतीय नागरिक सुरक्षा संहिता की धारा 163 (मजिस्ट्रेट को तुरंत प्रभाव से मामलों में तत्काल निवारक आदेश जारी करने का अधिकार देना, ताकि बाधा, मानव जीवन को खतरा, अशांति या दंगे को रोका जा सके, और इसे व्यक्तियों, विशिष्ट क्षेत्रों या आम जनता पर निर्देशित किया जा सकता है) लागू कर दी गई है।

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अधिकारियों ने कहा कि सोमवार शाम करीब साढ़े सात बजे मध्य नागपुर के चिटनिस पार्क इलाके में तब हिंसा भड़क उठी जब अफवाह फैली कि औरंगजेब की कब्र को हटाने के लिए एक दक्षिणपंथी संगठन द्वारा किए गए आंदोलन के दौरान धर्मग्रंथ जलाया गया है। इस दौरान पुलिस पर पथराव किया गया जिससे छह आम नागरिक और तीन पुलिसकर्मी घायल हो गए।

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पुलिस के अनुसार, पुराने भंडारा रोड के पास हंसपुरी इलाके में रात साढ़े 10 से साढ़े 11 बजे के बीच एक और झड़प हुई। अनियंत्रित भीड़ ने कई वाहनों को जला दिया और इलाके में घरों तथा एक क्लिनिक में तोड़फोड़ की। हंसपुरी इलाके के निवासी शरद गुप्ता (50) के घर के सामने खड़े चार दोपहिया वाहनों को जला दिया गया। शरद ने बताया कि रात साढ़े 10 से साढ़े 11 बजे के बीच भीड़ ने हमला बोल दिया, पथराव किया और वाहनों में आगजनी की।

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गुप्ता हमले में घायल हो गए और उन्होंने बताया कि भीड़ ने एक पड़ोसी की दुकान में भी तोड़फोड़ की। उन्होंने कहा कि पुलिस एक घंटे बाद पहुंची। गुस्साए निवासियों ने भीड़ के खिलाफ तत्काल पुलिस कार्रवाई की मांग की। ‘पीटीआई-भाषा’ के एक संवाददाता ने रात एक बजकर 20 मिनट पर एक दंपति को अपना घर बंद कर आसपास सुरक्षित स्थान पर जाते देखा। रामनवमी शोभायात्रा के लिए काम कर रहे एक अन्य निवासी चंद्रकांत कावडे ने बताया कि भीड़ ने उनके सभी सजावटी सामान जला दिए और घरों पर पत्थर फेंके।

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कुछ निवासी अपने गलियारे में बाहर आ गए और वरिष्ठ अधिकारियों के नेतृत्व में पुलिस की एक टुकड़ी को गलियों में मार्च करते देखा गया। हंसपुरी इलाके के एक निवासी ने ‘पीटीआई-भाषा’ को बताया कि भीड़ ने रात करीब साढ़े 10 बजे उनके घर पर हमला बोल दिया और घर के बाहर खड़ी उनकी गाड़ियों को जला दिया। उन्होंने कहा, ‘‘हमने दमकल के आने से पहले अपने घर की पहली मंजिल से पानी डालकर आग बुझाई।’’

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वहीं, एक अन्य निवासी वंश कवले ने बताया कि भीड़ ने अपने चेहरे ढके हुए थे और सीसीटीवी कैमरा तोड़ दिया। उन्होंने उनके घरों में घुसने की भी कोशिश की। क्लिनिक के सामने चाय की दुकान करने वाले एक अन्य निवासी ने बताया कि भीड़ क्लिनिक (बंडू क्लिनिक) में घुस गई, सभी मेज तोड़ दीं और दवाइयां फेंक दीं। उन्होंने बताया कि उनकी दुकान में भी तोड़फोड़ की गई। अधिकारियों ने कहा कि हंसपुरी इलाके में पुलिस तैनात कर दी गई है।

नागपुर में हिंसा क्यों हुई?

नागपुर में हिंसा अफवाहों के बाद भड़क उठी, जिसमें कहा गया था कि औरंगजेब की कब्र को हटाने के लिए धर्मग्रंथ जलाए गए थे।

हंसपुरी इलाके में क्या हुआ?

हंसपुरी इलाके में एक झड़प के बाद भीड़ ने कई वाहनों को आग लगा दी और घरों व एक क्लिनिक में तोड़फोड़ की। कुछ निवासियों को भी चोटें आईं।

निषेधाज्ञा लागू होने के बाद क्या हुआ?

पुलिस ने निषेधाज्ञा लागू कर दी और भारतीय नागरिक सुरक्षा संहिता के तहत निवारक आदेश जारी किए, ताकि स्थिति को नियंत्रित किया जा सके।