मेरे कठोर कृत्य के बाद ही खाद्य सुरक्षा पर सरकार ने कार्रवाई की : विधायक संजय गायकवाड़

मेरे कठोर कृत्य के बाद ही खाद्य सुरक्षा पर सरकार ने कार्रवाई की : विधायक संजय गायकवाड़

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  • Publish Date - July 10, 2025 / 01:47 PM IST,
    Updated On - July 10, 2025 / 01:47 PM IST

मुंबई, 10 जुलाई (भाषा) महाराष्ट्र में सत्तारूढ़ शिवसेना के विधायक संजय गायकवाड़ ने बृहस्पतिवार को कहा कि ‘एमएलए’ हॉस्टल के कैंटीन में ‘‘बासी भोजन’’ परोसे जाने को लेकर एक कर्मचारी को थप्पड़ मारने का उनका कृत्य भले ही कठोर रहा हो, लेकिन इससे भोजन की गुणवत्ता के मुद्दे पर सरकार की ओर से त्वरित कार्रवाई हुई है।

विधायक ने कहा कि उन्होंने कैंटीन में भोजन की खराब गुणवत्ता को लेकर पहले भी कई बार शिकायतें की थीं।

इस घटना के सोशल मीडिया पर आए एक वीडियो में बुलढाणा के विधायक को ‘‘बासी भोजन’’ परोसने के लिए मंगलवार रात को यहां ‘आकाशवाणी एमएलए’ हॉस्टल के कैंटीन के एक कर्मचारी को थप्पड़ मारते हुए देखा जा सकता है। उनके इस कृत्य की मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस समेत सरकार तथा विपक्ष के कई सदस्यों ने निंदा की।

महाराष्ट्र खाद्य एवं औषधि प्रशासन (एफडीए) ने बुधवार शाम को मुंबई स्थित कैंटीन चलाने वाले कैटरर का लाइसेंस निलंबित कर दिया।

एफडीए ने अपने निलंबन आदेश में कहा कि कैंटीन के निरीक्षण के दौरान खाद्य सुरक्षा नियमों का उल्लंघन पाया गया।

गायकवाड़ ने बृहस्पतिवार को यहां पत्रकारों से कहा, ‘‘पिछले चार-पांच वर्षों में 200 से 400 शिकायतें आयीं, लेकिन एफडीए ने कार्रवाई नहीं की। एफडीए मंत्री नरहरि जिरवाल ने खुद मुझे बताया था कि अधिकारियों से कार्रवाई करने के लिए कहने के बाद भी, उन्हें दो-तीन महीने तक कोई रिपोर्ट नहीं मिली। ऐसे में सवाल उठता है कि इसमें कौन-कौन शामिल हैं और क्या सांठगांठ है?’’

उपमुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे के नेतृत्व वाली शिवसेना के विधायक ने स्वीकार किया कि उनका व्यवहार अनुचित लग सकता है, लेकिन उन्होंने यह भी कहा कि उनका उद्देश्य अंतत: जनहित में था।

उन्होंने दावा किया, ‘‘जिस व्यक्ति को मैंने परसों थप्पड़ मारा था, वह प्रबंधक था, जिसे अब निलंबित कर दिया गया है क्योंकि यह उसकी गलती थी।’’

गायकवाड़ ने कहा, ‘‘वह घटिया भोजन परोसकर लाखों लोगों की जान से खेल रहा था। कैंटीन में रोज़ाना 5,000 से 10,000 लोग खाना खाते हैं।’’

अपने स्वास्थ्य का ज़िक्र करते हुए गायकवाड़ ने कहा कि वह पिछले दो दशकों से पेट की बीमारियों से परेशान रहे हैं।

उन्होंने कहा, ‘‘अगर मैं बासी खाना खाता हूं, तो मुझे 15 दिनों तक तकलीफ़ होती है। इसलिए मैं बाहर के रेस्त्रां में खाना नहीं खाता हूं।’’

शिवसेना विधायक ने कहा, ‘‘मुझे जो परोसा गया, वह लगभग संदूषित भोजन था। इससे मुझे गंभीर स्वास्थ्य समस्याएं हो सकती थीं। मुझे नहीं लगता कि मेरी प्रतिक्रिया ग़लत थी। मुझे पता है कि मेरा कृत्य कठोर था, लेकिन चूंकि मैंने वैसी प्रतिक्रिया दी, इसलिए आखिरकार कैंटीन संचालक के ख़िलाफ़ कार्रवाई की गई। इससे वहां खाना खाने वाले लाखों लोगों की जान बचाने में मदद मिलेगी।’’

उन्होंने कहा कि कैंटीन संचालक को पहले भी कई चेतावनियां दी गई थीं, लेकिन कोई सुधार नहीं हुआ।

गायकवाड़ ने कहा, ‘‘मेरे कदम से बदलाव आया। मैंने जो किया, उससे सभी मराठी लोगों को मदद मिलेगी।’’

विपक्षी दलों की आलोचनाओं का जवाब देते हुए उन्होंने कहा, ‘‘मैं उन लोगों से पूछना चाहता हूं जो मेरी आलोचना कर रहे हैं कि वे उन दक्षिण भारतीयों का पक्ष क्यों ले रहे हैं जो आपकी ज़िंदगी से खेल रहे थे?’’

एमएलए हॉस्टल में कैंटीन चलाने वाला व्यक्ति दक्षिण भारतीय मूल का है।

अपने खिलाफ कार्रवाई की मांग के बारे में पूछे जाने पर गायकवाड़ ने कहा कि उन्हें पहले भी कानूनी कार्रवाई का सामना करना पड़ा है और वे कानूनी प्रावधानों से अवगत हैं।

सत्तारूढ़ गठबंधन के सदस्य भी गायकवाड़ के कृत्य को उचित ठहराने से बचते दिखायी दिए, लेकिन शिवसेना की सहयोगी राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी के विधान परिषद सदस्य अमोल मिटकरी ने कहा कि गायकवाड़ के कृत्य का तर्कसंगत तरीके से मूल्यांकन किया जाना चाहिए।

हालांकि, विपक्षी राकांपा (शरद पवार) के विधायक रोहित पवार ने कहा कि उन्हें संदेह है कि कोई कड़ी कार्रवाई की जाएगी।

भाषा

गोला मनीषा

मनीषा