यवतमाल (महाराष्ट्र), 13 मार्च (भाषा) शिवसेना (यूबीटी) प्रमुख उद्धव ठाकरे ने एक बार फिर केंद्रीय मंत्री नितिन गडकरी से कहा है कि अगर उनका ‘‘अपमान’’ किया जा रहा है तो वह भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) छोड़ दें। उन्होंने यह भी कहा कि यदि गडकरी भाजपा छोड़ते हैं तो महाराष्ट्र में विपक्षी दल लोकसभा चुनाव में उनकी जीत सुनिश्चित करेंगे।
लेकिन गडकरी ने ठाकरे के न्यौते को ‘अपरिपक्व एवं हास्यास्पद’ बताया है और कहा है कि भाजपा में चुनाव के वास्ते उम्मीदवारों के चयन की एक व्यवस्था है तथा शिवसेना (यूबीटी) नेता को भाजपा नेताओं की चिंता करने की जरूरत नहीं है।
पूर्वी महाराष्ट्र के यवतमाल जिले में मंगलवार को एक रैली में ठाकरे ने कहा कि (पूर्व कांग्रेस नेता) कृपाशंकर सिंह जैसे लोगों का नाम, जिन्हें भाजपा (कथित भ्रष्टाचार को लेकर) निशाना बनाती थी, प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के साथ भाजपा के उम्मीदवारों की पहली सूची में शामिल थे लेकिन गडकरी का नाम गायब है।
ठाकरे ने कहा, ‘‘मैंने यह बात दो दिन पहले गडकरी से कही थी और मैं इसे दोहरा रहा हूं। यदि आपका अपमान किया जा रहा है, तो आप भाजपा छोड़ दें और महा विकास आघाडी (एमवीए) में शामिल हो जाएं। हम आपकी जीत सुनिश्चित करेंगे। जब हमारी सरकार सत्ता में आएगी तो हम आपको मंत्री बनाएंगे और यह ताकतवर पद होगा।’’
एमवीए में शिवसेना (यूबीटी), राकांपा (शरदचंद्र पवार) और कांग्रेस शामिल हैं।
ठाकरे के बयान के बारे में पूछे जाने पर गडकरी ने मंगलवार को इस सुझाव को खारिज कर दिया और कहा कि शिवसेना (यूबीटी) नेता को भाजपा नेताओं की चिंता करने की जरूरत नहीं है।
उन्होंने कहा, ‘‘ ठाकरे का सुझाव अपरिपक्व एवं हास्यास्पद है। भाजपा में उम्मीदवारों को टिकट देने की एक व्यवस्था है।’’
गडकरी ने कहा कि ठाकरे का सुझाव भाजपा में आगामी लोकसभा चुनाव के वास्ते महाराष्ट्र की टिकट पर चर्चा से काफी पहले ही आ गया है।
गडकरी को विपक्ष के एक उम्मीदवार के तौर पर चुनाव लड़ने की ठाकरे की पेशकश के बारे में पिछले सप्ताह पूछे जाने पर महाराष्ट्र के उपमुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस ने शिवसेना (यूबीटी) प्रमुख का मजाक उड़ाया था। उन्होंने कहा कि यह ऐसा ही है कि सड़क पर एक व्यक्ति किसी को अमेरिका का राष्ट्रपति बनाने की पेशकश कर रहा हो।
फडणवीस ने कहा था कि गडकरी भाजपा के एक महत्वपूर्ण नेता हैं लेकिन पहली सूची में महाराष्ट्र की सीट नहीं हैं क्योंकि पार्टी और उसके सहयोगी दलों के बीच सीट के बंटवारे पर बातचीत अभी पूरी नहीं हुई है।
इस बीच, ठाकरे ने संशोधित नागरिकता अधिनियम के तहत नियमों की अधिसूचना को ‘‘चुनावी जुमला’’ करार दिया। ठाकरे ने कहा कि (पड़ोसी देशों से) भारत आने वाले हिंदुओं, सिखों, पारसियों और अन्य लोगों का स्वागत है, लेकिन अधिसूचना का समय संदेह पैदा करता है क्योंकि चुनाव कार्यक्रम जल्द ही घोषित किए जाएंगे।
उन्होंने कहा अनुच्छेद 370 को निष्प्रभावी बनाये जाने के बाद से चार साल से अधिक समय बीत गया लेकिन जम्मू कश्मीर में चुनाव नहीं हुए और कश्मीरी पंडित अबतक अपने घर नहीं लौटे हैं।
ठाकरे ने कहा कि भाजपा को पहले कश्मीरी पंडितों को वापस लाना चाहिए और फिर सीएए लागू करना चाहिए।
ठाकरे ने कहा कि आने वाले चुनाव में एक तरफ भाजपा है, जो धर्मों के बीच दुश्मनी पैदा कर रही है और संविधान बदलना चाहती है तथा दूसरी तरफ ‘इंडिया’ गठबंधन है, जो देशभक्तों का गठबंधन है। उन्होंने कहा, ‘‘यह चुनाव देश भक्त और द्वेष भक्त के बीच होगा।’’
भाषा राजकुमार धीरज
धीरज
(इस खबर को IBC24 टीम ने संपादित नहीं किया है. यह सिंडीकेट फीड से सीधे प्रकाशित की गई है।)