जगनमोहन ने शराब नीति बैठक की अध्यक्षता की, धनशोधन के लिए कर्मचारियों का इस्तेमाल किया : पुलिस

जगनमोहन ने शराब नीति बैठक की अध्यक्षता की, धनशोधन के लिए कर्मचारियों का इस्तेमाल किया : पुलिस

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  • Publish Date - August 12, 2025 / 04:36 PM IST,
    Updated On - August 12, 2025 / 04:36 PM IST

अमरावती, 12 अगस्त (भाषा) आंध्र प्रदेश पुलिस द्वारा कथित रूप से 3,500 करोड़ रुपये के शराब घोटाले के संबंध में अदालत में दाखिल आरोपपत्र में कहा गया है कि पूर्व मुख्यमंत्री वाईएस जगन मोहन रेड्डी ने जुलाई 2019 में नयी शराब नीति से संबंधित एक बैठक की अध्यक्षता की थी।

इस नीति के तहत शराब की दुकानों का संचालन सरकारी संस्था एपीएसबीसीएल (आंध्र प्रदेश राज्य पेय पदार्थ निगम लिमिटेड) द्वारा किया जाएगा।

कथित शराब घोटाले की जांच कर रहे विशेष जांच दल (एसआईटी) ने सोमवार को 124 पन्नों का पूरक आरोपपत्र दाखिल किया।

इससे पूर्व, पिछले महीने दाखिल 305 पन्नों के आरोपपत्र में कहा गया कि पूर्व मुख्यमंत्री वाई एस जगन मोहन रेड्डी को हर महीने औसतन 50-60 करोड़ रुपये की रिश्वत दी गयी थी। हालांकि, उन्हें औपचारिक रूप से आरोपी नहीं बनाया गया है।

पूरक आरोपपत्र में कहा गया है कि रिश्वत की रकम को साधारण व्यक्तियों जैसे कि चपरासियों या कर्मचारियों के जरिए व्यवस्थित तरीके से शोधित किया गया।

पुलिस ने एपीएसबीसीएल के प्रबंध निदेशक द्वारा लिखे एक पत्र के हवाले से कहा, ‘‘आंध्र प्रदेश के मुख्यमंत्री की अध्यक्षता में 29 जुलाई 2019 को हुई बैठक में चर्चा के दौरान दुकानों की संख्या, दुकान परिसर को किराए पर लेने, दुकान के बुनियादी ढांचे, परिवहन चार्जर आदि से संबंधित मामलों को अंतिम रूप दिया गया है।

तब पुलिस ने यह भी आरोप लगाया था कि जगन ने आईआरटीएस अधिकारी और मामले में आरोपी संख्या दो डी वासुदेव रेड्डी को एपीएसबीसीएल के प्रबंध निदेशक के रूप में नियुक्त करने में भी महत्वपूर्ण भूमिका निभाई थी, जबकि तत्कालीन मुख्य सचिव और अन्य अधिकारियों ने अन्य पदों के लिए उनकी सिफारिश की थी।

इस मामले पर प्रतिक्रिया देते हुए पूर्व मंत्री और वाईएसआर कांग्रेस पार्टी के वरिष्ठ नेता अंबाती रामबाबू ने ‘पीटीआई-भाषा’ से कहा कि आरोपपत्र में लगाए गए सभी आरोप निराधार और ‘‘गढ़े हुए’’ हैं।

अधिकारियों ने आरोपपत्र के हवाले से कहा, ‘‘जांच के दौरान पता चला कि आरोपियों ने अपने स्वामित्व वाली कंपनियों में काम कर रहे चपरासियों या कर्मचारियों की मदद से इस रिश्वत की रकम को व्यवस्थित तरीके से शोधित किया।’’

उन्होंने कहा, ‘‘ऐसे कर्मचारी और व्यक्ति गिरोह से जुड़े बैंक खातों के नेटवर्क में नकदी को जमा करने के लिए कूरियर की तरह काम करते थे।’’

उन्होंने बताया कि रिश्वत की कुछ धनराशि आरोपियों के कर्मचारियों और सहयोगियों को वेतन के रूप में दी जाती थी। कई साधारण (लो-प्रोफाइल) व्यक्तियों के खातों में जमा रकम को उन्हें अन्य आरोपियों को भेजने के लिए भी कहा जाता था।

कथित शराब घोटाले की जांच कर रही एसआईटी ने इस मामले में कई लोगों को गिरफ्तार किया है, जिनमें वाईएसआर कांग्रेस पार्टी के लोकसभा सदस्य पी वी मिधुन रेड्डी भी शामिल हैं।

प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) ने भी मई में इस मामले में धन शोधन का मामला दर्ज किया था और राज्य में शराब की बिक्री में कथित अनियमितताओं की जांच के लिए प्रवर्तन मामला सूचना रिपोर्ट (ईसीआईआर) दर्ज की थी।

भाषा

गोला सिम्मी

सिम्मी