महाराष्ट्र मंत्रिमंडल ने छात्रावास भत्ता बढ़ाया, भंडारा-गढ़चिरौली एक्सप्रेसवे परियोजना को दी मंजूरी
महाराष्ट्र मंत्रिमंडल ने छात्रावास भत्ता बढ़ाया, भंडारा-गढ़चिरौली एक्सप्रेसवे परियोजना को दी मंजूरी
मुंबई, 16 सितंबर (भाषा) महाराष्ट्र मंत्रिमंडल ने सरकारी छात्रावासों में रहने वाले विद्यार्थियों के भत्ते में बढ़ोतरी, संतरा प्रसंस्करण केंद्र स्थापित करने की योजना का विस्तार और भंडारा-गढ़चिरौली के बीच 94 किलोमीटर लंबे एक्सप्रेसवे के निर्माण सहित कई कल्याणकारी और बुनियादी ढांचे से जुड़ी योजनाओं को मंगलवार को मंजूरी दे दी। मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस की अध्यक्षता में हुई बैठक में मंत्रिमंडल ने पिछड़े वर्गों के विद्यार्थियों के लिए संचालित 443 छात्रावासों में रहने वाले छात्रों के निर्वाह भत्ते में वृद्धि को मंजूरी दी।
सरकारी छात्रावासों में कुल 43,858 विद्यार्थियों को आवास और भोजन की सुविधा मिलती है।
एक आधिकारिक विज्ञप्ति के अनुसार, 230 छात्रावासों में 23,208 छात्र और 213 छात्रावासों में 20,650 छात्राएं रहती हैं।
एक सितंबर से प्रभावी संशोधित दरों के अनुसार, संभाग स्तर पर मासिक भत्ता 1,500 रुपये, जिला स्तर पर 1,300 रुपये और तालुका स्तर पर 1,000 रुपये हो गया है जबकि छात्राओं के लिए स्वच्छता भत्ता बढ़ाकर 150 रुपये प्रति माह कर दिया गया है।
विज्ञप्ति में बताया गया कि इस कदम से इन छात्राओं को लाभ होगा और सरकारी खजाने पर सालाना 80.97 करोड़ रुपये का अतिरिक्त बोझ पड़ेगा।
मंत्रिमंडल ने किसान सामुदायिक भवनों के लिए राष्ट्रसंत तुकडोजी महाराज शेतकरी भवन योजना को भी दो साल के लिए बढ़ा दिया है।
इस योजना के तहत, बाजार समितियों में 79 नए किसान भवनों के निर्माण और मौजूदा भवनों की मरम्मत के लिए 132.48 करोड़ रुपये निर्धारित किए गए हैं।
इसी प्रकार नागपुर, कटोल, कलमेश्वर (नागपुर जिला), मोर्शी (अमरावती जिला) और संग्रामपुर (बुलढाणा जिला) में आधुनिक संतरा प्रसंस्करण केंद्र स्थापित करने की योजना का विस्तार किया गया है।
विज्ञप्ति में बताया गया कि फसल को होने वाले नुकसान को कम करने के लिए 39.90 करोड़ रुपये की एक संशोधित योजना तैयार की गई है।
विज्ञप्ति के मुताबिक, बुनियादी ढांचे के क्षेत्र में मंत्रिमंडल ने 94.24 किलोमीटर लंबे भंडारा-गढ़चिरौली एक्सप्रेसवे के संशोधित मार्ग को मंजूरी दे दी। इसका निर्माण महाराष्ट्र राज्य सड़क विकास निगम द्वारा किया जाएगा।
भूमि अधिग्रहण लागत सहित 931.15 करोड़ रुपये की इस परियोजना से दूरी 23 किलोमीटर और यात्रा समय लगभग 75 मिनट कम हो जाएगा।
भाषा जितेंद्र अविनाश
अविनाश
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