मुंबई, 20 दिसंबर (भाषा) महाराष्ट्र सरकार ने भ्रामक या गुमराह करने वाले नामों को रोकने के लिए स्कूलों के नामों की समीक्षा और विनियमन करने का निर्णय लिया है।
स्कूल शिक्षा विभाग के एक वरिष्ठ अधिकारी ने शनिवार को बताया कि यह कदम तब उठाया गया, जब यह देखा गया कि कई विद्यालय निर्धारित मानदंडों को पूरा किए बिना अपने नामों में ‘इंटरनेशनल (अंतरराष्ट्रीय)’, ‘ ग्लोबल (वैश्विक)’ और यहां तक कि ‘सीबीएसई’ जैसे शब्दों का इस्तेमाल कर रहे हैं।
माध्यमिक और उच्च माध्यमिक शिक्षा निदेशालय ने 15 दिसंबर को जारी एक परिपत्र में कहा कि विद्यालयों के नामों में व्यापक भिन्नता है तथा राज्य बोर्ड, आईसीएसई और सीबीएसई से संबद्ध कुछ स्कूल ऐसे शब्दों का इस्तेमाल कर रहे हैं, जो अभिभावकों, विद्यार्थियों और आम जनता के बीच भ्रम पैदा कर सकते हैं।
अधिकारी ने कहा, ‘‘इस तरह के नामों वाले वर्तमान विद्यालयों की भी समीक्षा की जाएगी। जब तक विद्यालय की दो या दो से अधिक देशों में शाखाएं न हों, वे खुद को ग्लोबल नहीं कह सकते। इसके अलावा, कैम्ब्रिज इंटरनेशनल एजुकेशन या इंटरनेशनल बैकलॉरिएट (आईबी) से संबद्ध न होने वाले विद्यालय को इंटरनेशनल शब्द का प्रयोग नहीं करना चाहिए।’’
परिपत्र में कहा गया है कि भविष्य में स्कूलों की मान्यता के लिए नए प्रस्तावों की जांच करते समय स्कूल के नाम, उसके बोर्ड से संबद्धता और माध्यम के साथ-साथ यह भी देखा जाना चाहिए कि संबंधित संस्था राष्ट्रीय या अंतरराष्ट्रीय स्तर पर अन्य स्कूलों का संचालन करती है या नहीं।
इसमें कहा गया है कि यदि कोई नाम भ्रामक पाया जाता है, तो प्रस्ताव को राज्य प्रशासन को भेजने से पहले स्कूलों को इसे बदलने के लिए कहा जाएगा।
भाषा
राजकुमार दिलीप
दिलीप