अमरावती, 12 अगस्त (भाषा) आंध्र प्रदेश पुलिस ने कथित रूप से 3,500 करोड़ रुपये के शराब घोटाले से जुड़े एक मामले में स्थानीय अदालत में दाखिल आरोपपत्र में कहा है कि रिश्वत की रकम को साधारण व्यक्तियों जैसे कि चपरासियों या कर्मचारियों के जरिए व्यवस्थित तरीके से शोधित किया गया।
कथित शराब घोटाले की जांच कर रहे विशेष जांच दल (एसआईटी) ने सोमवार को एक पूरक आरोपपत्र दाखिल किया।
अधिकारियों ने आरोपपत्र के हवाले से कहा, ‘‘जांच के दौरान पता चला कि आरोपियों ने अपने स्वामित्व वाली कंपनियों में काम कर रहे चपरासियों या कर्मचारियों की मदद से इस रिश्वत की रकम को व्यवस्थित तरीके से शोधित किया।’’
उन्होंने कहा, ‘‘ऐसे कर्मचारी और व्यक्ति गिरोह से जुड़े बैंक खातों के नेटवर्क में नकदी को जमा करने के लिए कूरियर की तरह काम करते थे।’’
उन्होंने बताया कि रिश्वत की कुछ धनराशि आरोपियों के कर्मचारियों और सहयोगियों को वेतन के रूप में दी जाती थी। कई साधारण (लो-प्रोफाइल) व्यक्तियों के खातों में जमा रकम को उन्हें अन्य आरोपियों को भेजने के लिए भी कहा जाता था।
कथित शराब घोटाले की जांच कर रही एसआईटी ने इस मामले में कई लोगों को गिरफ्तार किया है, जिनमें वाईएसआर कांग्रेस पार्टी के लोकसभा सदस्य पी वी मिधुन रेड्डी भी शामिल हैं।
प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) ने भी मई में इस मामले में धन शोधन का मामला दर्ज किया था और राज्य में शराब की बिक्री में कथित अनियमितताओं की जांच के लिए प्रवर्तन मामला सूचना रिपोर्ट (ईसीआईआर) दर्ज की थी।
पिछले महीने दाखिल आरोपपत्र में कहा गया कि पूर्व मुख्यमंत्री वाई एस जगन मोहन रेड्डी को हर महीने औसतन 50-60 करोड़ रुपये की रिश्वत दी गयी थी। हालांकि, उन्हें औपचारिक रूप से आरोपी नहीं बनाया गया है।
इस मामले पर प्रतिक्रिया देते हुए पूर्व मंत्री और वाईएसआर कांग्रेस पार्टी के वरिष्ठ नेता अंबाती रामबाबू ने ‘पीटीआई-भाषा’ से कहा कि आरोपपत्र में लगाए गए सभी आरोप निराधार और ‘‘गढ़े हुए’’ हैं।
भाषा गोला सिम्मी
सिम्मी