Bail on Rape case: ‘क्लास में छात्रा के स्तन दबाता था शिक्षक’ दोषी साबित होने के बाद कोर्ट ने दे दी जमानत, कही ये बड़ी बात

Bail on Rape case: 'क्लास में छात्रा के स्तन दबाता था शिक्षक' दोषी साबित होने के बाद कोर्ट ने दे दी जमानत, कही ये बड़ी बात

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  • Publish Date - August 3, 2025 / 01:04 PM IST,
    Updated On - August 3, 2025 / 01:04 PM IST

Dhar News/ Image Source: Symbolic

HIGHLIGHTS
  • बॉम्बे हाईकोर्ट का फैसला
  • विसंगतियों का हवाला
  • जिश के कारण झूठा आरोप लगाया गया

मुंबई: Bombay High Court Granted Bail on Rape Case  नाबालिग से यौन उत्पीड़न के मामले में सुनवाई करते हुए बॉम्बे हाईकोर्ट ने 60 साल के ट्यूशन टीचर को जमानत दे दी है। जबकि ट्यूशन टीचर को पहले ही पॉक्सो कोर्ट में दोषी ठहराया जा चुका था। कोर्ट ने पीड़िता के वकील की ओर से पेश किए गए दलीलों को खारिज करते हुए ट्यूशन टीचर को जमानत दी। जस्टिस सारंग वी. कोटवाल ने कहा कि पीड़िता को शायद कोर्ट में जवाब देने के बारे में बताया गया होगा। कोर्ट ने कहा कि जिरह में लड़की ने स्वीकार किया था कि उसकी मां ने उसे ट्रायल कोर्ट में सवालों के जवाब देने का तरीका बताया था।

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Bombay High Court Granted Bail on Rape Case  मिली जानकारी के अनुसार मामला साल 2017 का है, जब 15 मार्च को पीड़ित छात्रा ट्यूशन पढ़ने गई थी। पीड़िता की मां ने 19 मार्च 2025 को ट्यूशन टीचर के खिलाफ मामला दर्ज करवाते हुए कहा कि टीचर ने उसे अपने कमरे में बुलाया, किताब पढ़ने को कहा और उसके स्तनों को गलत तरीके से छुआ। लड़की डर गई और बगल वाले कमरे में चली गई जहां टीचर की पत्नी भी क्लास ले रही थी।

मामले में सुनवाई के दौरान, शिक्षक के वकील सत्यव्रत जोशी ने तर्क दिया कि कक्षा में न आने पर डांट खाने के बाद पीड़िता द्वारा रंजिश के तहत उसे झूठा फंसाया गया है। जोशी ने यह भी बताया कि कथित घटना के दौरान शिक्षक की पत्नी घर में मौजूद थी, जिससे किसी भी तरह के अपराध की संभावना कम हो जाती है। जोशी ने आगे आरोप लगाया कि बच्ची को उसकी मां ने पढ़ाया था।

शिक्षक को यौन अपराधों से बच्चों का संरक्षण (POCSO) अधिनियम की धारा 10 और भारतीय दंड संहिता की धारा 354 और 354A के तहत दोषी ठहराया गया और पांच साल के कठोर कारावास की सजा सुनाई गई। उसे 9 जनवरी 2025 को हिरासत में लिया गया था और इससे पहले उसने 2017 में कुछ समय जेल में बिताया था।

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अभियोजन पक्ष और पीड़िता का प्रतिनिधित्व करने वाले वकील ने जमानत का विरोध करते हुए कहा कि एक 10 साल की बच्ची अपने शिक्षक के खिलाफ इस तरह के आरोप नहीं लगा सकती। उन्होंने यह भी कहा कि कथित घटना एक अलग कमरे में हुई थी। हालांकि, अदालत ने कहा कि पीड़िता के गोलमोल जवाब और उसके बयान में विसंगतियां यह दर्शाती हैं कि कथित घटना सच नहीं हो सकती है।

अदालत ने कहा, “अपनी मां को सूचित करने के बाद 16 मार्च को उसका फिर से ट्यूशन क्लास में जाती है। इस पर विश्वास करना मुश्किल लगता है। उसने आगे कहा कि उसे याद नहीं है कि वह 17 मार्च को ट्यूशन क्लास में गई थी या नहीं। ये सभी गोलमोल जवाब वकील सत्यव्रत जोशी के इस तर्क का समर्थन करते हैं कि घटना सच नहीं हो सकती है। इन सभी सवालों का फैसला अपील की अंतिम सुनवाई के दौरान किया जाएगा।” अदालत ने 25,000 रुपए के मुचलके पर दोषी शिक्षक को जमानत दे दी।

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पॉक्सो मामले में जमानत कैसे मिली?

बॉम्बे हाईकोर्ट ने पीड़िता के बयानों में विसंगतियों और अस्पष्ट जवाबों के आधार पर ट्यूशन टीचर को जमानत दी, यह मानते हुए कि घटना संदिग्ध है।

पॉक्सो मामले में सजा क्या थी?

शिक्षक को पॉक्सो अधिनियम की धारा 10 और IPC की धारा 354, 354A के तहत पांच साल के कठोर कारावास की सजा सुनाई गई थी।

पॉक्सो मामले में पीड़िता के बयान क्यों संदिग्ध माने गए?

पीड़िता ने स्वीकार किया कि उसकी मां ने उसे जवाब देने का तरीका बताया था, और घटना के बाद भी वह ट्यूशन क्लास में गई, जो कोर्ट को अविश्वसनीय लगा।

पॉक्सो मामले में शिक्षक के वकील का क्या तर्क था?

वकील ने दावा किया कि रंजिश के कारण झूठा आरोप लगाया गया और घटना के समय शिक्षक की पत्नी घर में थी, जिससे अपराध की संभावना कम थी।

पॉक्सो मामले की अगली सुनवाई कब होगी?

मामले की अंतिम सुनवाई अपील के दौरान होगी, जिसकी तारीख अभी निर्धारित नहीं है।