Mangesh Kalokhe: रायगढ़ में पार्षद के पति की दिनदहाड़े हत्या, स्कूल छोड़कर लौट रहे थे फिर जो हुआ जानकर आपकी भी कांप उठेगी रूह, अब महिला समेत 9 गिरफ्तार

Mangesh Kalokhe: रायगढ़ में पार्षद के पति की दिनदहाड़े हत्या, स्कूल छोड़कर लौट रहे थे फिर जो हुआ जानकर आपकी भी कांप उठेगी रूह, अब महिला समेत 9 गिरफ्तार

  •  
  • Publish Date - December 28, 2025 / 07:03 AM IST,
    Updated On - December 28, 2025 / 07:13 AM IST

Shiv Sena councillor husband murdered

HIGHLIGHTS
  • रायगढ़ में राजनीतिक रंजिश का खूनी खेल,
  • शिवसेना पार्षद के पति की हत्या,
  • मुख्य आरोपी समेत 9 अरेस्ट,

मुंबई: Mangesh Kalokhe:  महाराष्ट्र के रायगढ़ जिले में पुलिस ने नव निर्वाचित शिवसेना पार्षद के पति की हत्या के सिलसिले में शनिवार को एक महिला सहित नौ लोगों को गिरफ्तार किया। अधिकारियों ने यह जानकारी दी।

राजनीतिक रंजिश में दिनदहाड़े हत्या (Khopoli crime news)

अधिकारियों ने बताया कि शुक्रवार को खोपोली में मंगेश सदाशिव कालोखे उर्फ ​​अप्पा का पीछा कर कुछ लोगों ने उनकी हत्या कर दी। अप्पा (45) अपनी बेटियों को स्कूल छोड़कर घर लौट रहे थे, तभी विहारी इलाके में उन पर हमला किया गया। एक अधिकारी ने बताया कि अप्पा नव निर्वाचित पार्षद मानसी कालोखे के पति थे, जो एकनाथ शिंदे के नेतृत्व वाली शिवसेना से जुड़ी हुई हैं।

Mangesh Kalokhe:  उन्होंने बताया कि जांच के दौरान रायगढ़ पुलिस ने नागोठाणे इलाके से मुख्य आरोपी रवींद्र देवकर, दर्शन देवकर और छह अन्य लोगों को गिरफ्तार किया। अधिकारी के मुताबिक, यह हत्या मानसी कालोखे और उनके प्रतिद्वंद्वी के बीच राजनीतिक प्रतिद्वंद्विता का परिणाम थी, जो हाल में हुए स्थानीय निकाय चुनावों में हार गए थे।

यह भी पढ़ें

"मंगेश कालोखे हत्या" मामला कहाँ का है और घटना कब हुई?

उत्तर: यह मामला महाराष्ट्र के रायगढ़ जिले के खोपोली क्षेत्र का है। घटना शुक्रवार को तब हुई जब मंगेश सदाशिव कालोखे उर्फ अप्पा अपनी बेटियों को स्कूल छोड़कर घर लौट रहे थे।

"मंगेश कालोखे हत्या" मामले में पुलिस ने कितनी गिरफ्तारियाँ की हैं?

उत्तर: रायगढ़ पुलिस ने इस मामले में एक महिला सहित कुल नौ लोगों को गिरफ्तार किया है, जिनमें मुख्य आरोपी भी शामिल हैं।

"मंगेश कालोखे हत्या" के पीछे पुलिस के अनुसार क्या कारण है?

उत्तर: पुलिस के मुताबिक यह हत्या हालिया स्थानीय निकाय चुनावों के बाद उत्पन्न राजनीतिक प्रतिद्वंद्विता का परिणाम थी।