मराठा आरक्षण मुद्दे को सुलझाने की जिम्मेदारी महायुति पर : कांग्रेस

मराठा आरक्षण मुद्दे को सुलझाने की जिम्मेदारी महायुति पर : कांग्रेस

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  • Publish Date - August 31, 2025 / 09:22 PM IST,
    Updated On - August 31, 2025 / 09:22 PM IST

मुंबई, 31 अगस्त (भाषा) कांग्रेस नेता सचिन सावंत ने रविवार को कहा कि मराठा आरक्षण आंदोलन का तत्काल समाधान निकालने की जिम्मेदारी महायुति सरकार की है।

कांग्रेस की महाराष्ट्र इकाई के प्रवक्ता ने एक बयान में दावा किया कि राज्य सरकार को कार्यकर्ता मनोज जरांगे के नेतृत्व में मराठा आरक्षण आंदोलन के बारे में पहले ही सूचित कर दिया गया था, लेकिन उसने कैबिनेट उप-समिति के गठन में देरी की।

उन्होंने आरोप लगाया कि न तो मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस, न ही उपमुख्यमंत्रियों और न ही उप-समिति के सदस्यों ने आंदोलन को रोकने का कोई प्रयास किया।

जरांगे मराठा समुदाय के लिए 10 प्रतिशत आरक्षण की मांग को लेकर शुक्रवार से दक्षिण मुंबई के आजाद मैदान में भूख हड़ताल पर हैं। वह चाहते हैं कि मराठाओं को अन्य पिछड़ा वर्ग (ओबीसी) में शामिल कृषक जाति कुनबी के रूप में मान्यता दी जाए, ताकि उन्हें सरकारी नौकरियों और शिक्षा में आरक्षण मिल सके, हालांकि ओबीसी नेता इसका विरोध कर रहे हैं।

कांग्रेस नेता ने बताया कि जनवरी 2024 में वाशी में जरांगे के नेतृत्व वाले विरोध प्रदर्शन के दौरान, महायुति सरकार ने आंदोलनकारियों को आश्वासन दिया था और ‘गुलाल’ फेंककर जश्न मनाया था। लेकिन, अब ताजा आंदोलन से पता चलता है कि सरकार अपना वादा निभाने में विफल रही है।

सावंत ने कहा, ‘‘यह स्पष्ट है कि सरकार ने मराठा समुदाय को धोखा दिया है। इसलिए, अगर मराठा आंदोलनकारी मुंबई आए हैं, तो महायुति सरकार की जिम्मेदारी है कि वह तुरंत कार्रवाई करे।’’

उन्होंने कहा कि चूंकि मुंबई में आंदोलन जारी है, इसलिए संभावना है कि देश की वित्तीय राजधानी सप्ताह की शुरुआत में ठप हो सकती है।

कांग्रेस नेता ने कहा, ‘‘देश इसे बर्दाश्त नहीं कर सकता। सरकार मुंबईवासियों को शांत रहने की सलाह दे रही है, वहीं गांवों से आए आंदोलनकारी भोजन, पानी और आश्रय के लिए संघर्ष कर रहे हैं। सरकार को उनकी दुर्दशा को नजरअंदाज नहीं करना चाहिए। जरांगे का स्वास्थ्य भी राज्य सरकार की जिम्मेदारी है।’’

सावंत ने आरोप लगाया कि सरकार ने उप-समिति की बैठक के बाद अपना रुख स्पष्ट नहीं किया है या मामले को सुलझाने में गंभीरता नहीं दिखाई है।

भाषा रवि कांत रवि कांत रंजन

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