महाराष्ट्र: बंधुआ मजदूरी रैकेट से उत्तर प्रदेश के 10 लोगों को मुक्त कराया गया, दो गिरफ्तार

महाराष्ट्र: बंधुआ मजदूरी रैकेट से उत्तर प्रदेश के 10 लोगों को मुक्त कराया गया, दो गिरफ्तार

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  • Publish Date - December 22, 2025 / 10:27 PM IST,
    Updated On - December 22, 2025 / 10:27 PM IST

ठाणे, 22 दिसंबर (भाषा) ठाणे जिले के अंबरनाथ पश्चिम में बंधुआ मजदूरी रैकेट से उत्तर प्रदेश के 10 लोगों को मुक्त कराया गया। अधिकारियों ने सोमवार को यह जानकारी दी।

अधिकारियों ने बताया कि बेहतर वेतन का वादा किए गए मजदूर एक खाद्य उत्पादन इकाई में ‘अमानवीय परिस्थितियों’ में काम करते पाए गए।

यहां एक विज्ञप्ति में कहा गया है, ‘‘यह शोषण तब सामने आया जब कमलेश फुन्नन बनवासी नाम का एक मजदूर किसी तरह उस केंद्र से भाग निकलने में कामयाब रहा और 17 दिसंबर को ठाणे जिला विधिक सेवा प्राधिकरण (डीएलएसए) से संपर्क किया, जिसके बाद डीएलएसए के सचिव रविंद्र पजंकर ने कलेक्टर श्रीकृष्ण पंचाल को सतर्क किया।’’

विज्ञप्ति में कहा गया कि राजस्व, पुलिस और श्रम विभाग के कर्मियों की एक टीम बनाई गई, जिसने उत्तर प्रदेश के भदोही और जौनपुर जिलों के सिंटू विनोद बनवासी (18), चंदू हरि बनवासी (40), संजय डॉक्टर बनवासी (22), कल्लू बनवासी, सूरज बनवासी, संजय खिल्लारी बनवासी (19), सुरेश बनवासी, सुकुद विजय, सुखी पन्ना और विजय कुमार श्रीराम (34) को मुक्त कराया गया।

विज्ञप्ति में कहा गया, ‘‘उन्हें ठेकेदार निक्की उर्फ ​​कृष्ण कुमार अग्रहरि और नितिन तिवारी ने 18,000 से 20,000 रुपये मासिक वेतन का वादा करके काम पर रखा था। हालांकि, उन्हें हर रात बाहर से ताला लगे एक छोटे से कमरे में रखा जाता था। परिवारों से संपर्क रोकने के लिए उनके फोन जब्त कर लिए गए थे। उन्हें नियमित रूप से पीटा भी जाता था।’’

विज्ञप्ति के अनुसार, दोनों ठेकेदारों को अंबरनाथ पुलिस ने बंधुआ मजदूरी प्रणाली (उन्मूलन) अधिनियम के तहत गिरफ्तार कर लिया और मुक्त कराए गए मजदूर सुरक्षित रूप से उत्तर प्रदेश में अपने पैतृक गांवों में पहुंच गए हैं।

भाषा यासिर रंजन

रंजन