पड़ोसी के खिलाफ सलमान का मानहानि वाद: अंतरिम आदेश पारित करने से अदालत का इनकार

पड़ोसी के खिलाफ सलमान का मानहानि वाद: अंतरिम आदेश पारित करने से अदालत का इनकार

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  • Publish Date - January 14, 2022 / 10:00 PM IST,
    Updated On - November 29, 2022 / 08:59 PM IST

मुंबई, 14 जनवरी (भाषा) मुंबई सिटी सिविल अदालत ने शुक्रवार को अभिनेता सलमान खान के पक्ष में कोई अंतरिम आदेश पारित करने से इनकार कर दिया, जिन्होंने कथित मानहानि के लिए एक पड़ोसी के खिलाफ वाद दायर किया है।

सलमान खान ने एक दीवानी वाद दायर किया है जिसमें आरोप लगाया गया है कि मुंबई के पास पनवेल में अभिनेता के फार्महाउस के पास एक भूखंड के मालिक केतन कक्कड़ ने एक यूट्यूब चैनल के साथ एक साक्षात्कार के दौरान उन्हें बदनाम किया।

न्यायाधीश अनिल एच लद्धड ने कक्कड़ को अपना जवाब दाखिल करने का निर्देश दिया और मामले की अगली सुनवाई की तिथि 21 जनवरी तय की।

खान का प्रतिनिधित्व करने वाले डीएसके लीगल के वकीलों ने मुकदमे के लंबित रहने के दौरान कक्कड़ को कोई और मानहानिकारक बयान देने से रोकने के लिए एक अंतरिम आदेश जारी करने की मांग की। हालांकि कक्कड़ के वकीलों आभा सिंह और आदित्य प्रताप ने अनुरोध का विरोध करते हुए कहा कि उन्हें बृहस्पतिवार शाम को ही मामले के कागजात मिले और पूरे मुकदमे को नहीं देखा जा सका।

अधिवक्ता सिंह ने यह भी कहा कि कोई तात्कालिकता नहीं है और यदि खान ने मुकदमा दायर करने में एक महीने तक इंतजार किया, तो कक्कड़ को जवाब दाखिल करने के लिए कुछ समय मिलना चाहिए। न्यायाधीश ने इसके बाद सुनवाई स्थगित कर दी।

मुंबई के उपनगरीय बांद्रा में रहने वाले खान का पड़ोस के रायगढ़ जिले के पनवेल में एक फार्महाउस है। मुंबई के रहने वाले कक्कड़ का खान के फार्महाउस के बगल में एक पहाड़ी पर एक प्लॉट है।

खान के मुकदमे के अनुसार, कक्कड़ ने एक यूट्यूबर से बात करते हुए अभिनेता के खिलाफ मिथ्या टिप्पणी की। शो में हिस्सा लेने वाले दो अन्य व्यक्तियों को भी प्रतिवादी बनाया गया है।

खान ने यूट्यूब, सोशल मीडिया साइट्स जैसे फेसबुक, ट्विटर और सर्च इंजन गूगल को भी इस मुकदमे में पक्षकार बनाया है और मांग की है कि उन्हें अपनी वेबसाइटों से ‘अपमानजनक सामग्री’ को ब्लॉक करने और हटाने का निर्देश दिया जाए।

खान, कक्कड़ को अभिनेता या उनके फार्महाउस के बारे में अपमानजनक सामग्री पोस्ट करने या प्रकाशित करने से रोकने के लिए एक स्थायी आदेश चाहते हैं।

भाषा अमित उमा

उमा