अलगाववादी शक्तियां अब भी सक्रिय, हेडगेवार का एकता का संदेश अहम : राज्यपाल राधाकृष्णन |

अलगाववादी शक्तियां अब भी सक्रिय, हेडगेवार का एकता का संदेश अहम : राज्यपाल राधाकृष्णन

अलगाववादी शक्तियां अब भी सक्रिय, हेडगेवार का एकता का संदेश अहम : राज्यपाल राधाकृष्णन

अलगाववादी शक्तियां अब भी सक्रिय, हेडगेवार का एकता का संदेश अहम : राज्यपाल राधाकृष्णन
Modified Date: March 22, 2025 / 06:44 pm IST
Published Date: March 22, 2025 6:44 pm IST

मुंबई, 22 मार्च (भाषा) महाराष्ट्र के राज्यपाल सीपी राधाकृष्णन ने शनिवार को कहा कि कुछ राज्यों में ‘‘अलगाववादी’’ ताकतें आज भी सक्रिय हैं और राष्ट्रीय स्वयंसेवसक संघ (आरएसएस) के संस्थापक केबी हेडगेवार के दिए एकता और एकीकरण के संदेश मौजूदा समय में पहले से कहीं अधिक प्रासंगिक हैं।

भारतीय मूल के ब्रिटिश नागरिक सचिन नंदा की पुस्तक ‘हेडगेवार : ए डेफिनिटिव बायोग्राफी’ के विमोचन के अवसर पर यहां राजभवन में अपने संबोधन में राज्यपाल ने इस तर्क का खंडन किया कि भारत अतीत में कभी भी एक समरूप देश नहीं था।

राधाकृष्णन ने कहा कि सम्राट अशोक ने कई शताब्दियों पहले भारतीय उपमहाद्वीप को एकजुट किया था। उन्होंने कहा कि सांस्कृतिक और पारंपरिक रूप से भारत हमेशा एकजुट राष्ट्र रहा है।

राधाकृष्णन ने कहा कि विदेशी आक्रमणकारियों ने भारत को विभाजित किया और इस पर शासन करने में कामयाब रहे, इसलिए एकता का संदेश और भी प्रासंगिक है।

राजभवन से जारी एक बयान के अनुसार, राज्यपाल ने कहा कि आज भी कुछ राज्यों में अलगाववादी ताकतें सक्रिय हैं, ऐसे में आरएसएस संस्थापक डॉ. केबी हेडगेवार द्वारा प्रतिपादित एकता और एकीकरण के विचार आज पहले से कहीं अधिक प्रासंगिक हैं।

उन्होंने कहा कि आरएसएस ने अपनी “लंबी और शानदार यात्रा में सैकड़ों देशभक्त तैयार किए”, जिन्होंने निस्वार्थ भाव से जीवन जिया और देश के लिए कुर्बान हो गए।

राज्यपाल ने संघ के साथ अपने जुड़ाव को याद किया और तमिलनाडु, खासकर अपने जन्मस्थान तिरुपुर में संघ के काम पर प्रकाश डाला।

लेखक सचिन नंदा ने कहा कि उनकी पुस्तक हेडगेवार की प्रेरणा और दर्शन के बारे में अंतर्दृष्टि प्रदान करती है।

भाषा

राजकुमार पारुल

पारुल

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