शीना के लापता होने के बाद उच्चतम न्यायालय के वकील ने उसके मंगेतर को मदद की पेशकश की: गवाह

शीना के लापता होने के बाद उच्चतम न्यायालय के वकील ने उसके मंगेतर को मदद की पेशकश की: गवाह

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  • Publish Date - September 20, 2025 / 01:02 AM IST,
    Updated On - September 20, 2025 / 01:02 AM IST

मुंबई, 19 सितंबर (भाषा) शीना बोरा हत्याकांड के एक गवाह ने शुक्रवार को निचली अदालत को बताया कि शीना के लापता होने के बाद उच्चतम न्यायालय के एक वकील ने उसके मंगेतर राहुल मुखर्जी को पुलिस में शिकायत दर्ज कराने में मदद की पेशकश की थी, लेकिन उसने यह मदद स्वीकार नहीं की।

शीना की एक स्कूल मित्र ने विशेष सीबीआई न्यायाधीश जेपी दारेकर के समक्ष अभियोजन पक्ष के गवाह के रूप में गवाही दी।

शीना (24) 24 अप्रैल 2012 को शहर से लापता हो गई थी। उसकी मां इंद्राणी मुखर्जी पर उसकी हत्या करने और अन्य लोगों की मदद से शव को ठिकाने लगाने का आरोप है।

गवाह ने दावा किया कि उसके चचेरे भाई (उच्चतम न्यायालय में वकील) ने राहुल मुखर्जी को पुलिस में गुमशुदगी की शिकायत दर्ज कराने की सलाह दी थी, लेकिन राहुल ने शिकायत दर्ज नहीं कराई।

गवाह ने कहा, ‘‘यह सही है कि मेरे चचरे भाई ने राहुल को मदद की पेशकश की थी, लेकिन उसने मदद स्वीकार नहीं की।’’

राहुल के अनुसार, वह पुलिस थाने गए, लेकिन उनकी शिकायत दर्ज नहीं की गई।

गवाह ने बताया कि राहुल मुखर्जी को बंदी प्रत्यक्षीकरण याचिका दायर करने की भी सलाह दी गई थी, और उसके चचेरे भाई ने भी उसकी ओर से इसे दायर करने की पेशकश की थी।

गवाह ने कहा कि शीना के अपने परिवार से अच्छे संबंध नहीं थे और उसका अपने भाई मिखाइल बोरा के साथ संपत्ति विवाद था।

उन्होंने कहा, ‘…शीना के नाना-नानी के बीच विवाद था, एक तरफ मिखाइल और दूसरी तरफ शीना थी और शीना को अपने ही घर में रहने नहीं दिया जाता था।’

गवाह ने कहा कि अगस्त 2015 में इंद्राणी मुखर्जी की गिरफ्तारी की खबर मिलने पर उन्होंने तत्कालीन मुंबई पुलिस आयुक्त राकेश मारिया से संपर्क कर बताया कि शीना वास्तव में इंद्राणी की बेटी थी, न कि बहन, जैसा कि उस समय मीडिया में बताया जा रहा था।

गवाह ने बृहस्पतिवार को गवाही दी थी कि शीना ने उसे बताया था कि इंद्राणी के साथ उसके रिश्ते तनावपूर्ण हैं।

भाषा राखी पारुल

पारुल