ठाणे की अदालत ने छेड़छाड़ मामले में प्राथमिकी दर्ज होने के 35 दिनों के भीतर व्यक्ति को सजा सुनाई

ठाणे की अदालत ने छेड़छाड़ मामले में प्राथमिकी दर्ज होने के 35 दिनों के भीतर व्यक्ति को सजा सुनाई

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  • Publish Date - July 9, 2025 / 09:00 PM IST,
    Updated On - July 9, 2025 / 09:00 PM IST

ठाणे, नौ जुलाई (भाषा) ठाणे जिले की अदालत ने एक व्यक्ति को महिला से छेड़छाड़ करने का दोषी ठहराते हुए एक वर्ष के कठोर कारावास की सजा सुनाई है। यह फैसला मामले में प्राथमिकी दर्ज होने के मात्र 35 दिनों के भीतर आया है।

कल्याण की अदालत ने मंगलवार को फैसला सुनाते हुए ओमकार विक्रांत निकालजे (29) को एक साल के कठोर कारावास की सजा सुनाई और उस पर 5,000 रुपये का जुर्माना भी लगाया।

अदालत ने कहा कि जुर्माने की राशि में से 2,500 रुपये पीड़िता को मुआवजे के रूप में दिए जाएंगे, जबकि शेष राशि सरकारी खजाने में जमा की जाएगी।

ठाणे पुलिस ने एक विज्ञप्ति में कहा कि गिरफ्तारी से लेकर अदालती फैसले तक की यह तीव्र प्रक्रिया, त्वरित न्याय का अपनी तरह का एक अनूठा रिकॉर्ड है।

यह मामला कल्याण संभाग के खड़कपाड़ा पुलिस थाने में दर्ज एक अपराध से संबंधित है।

विज्ञप्ति में कहा गया है कि महिलाओं और नाबालिगों के खिलाफ अपराधों से संबंधित मुकदमों में तेजी लाने के लिए जारी किए गए विशेष निर्देशों के अनुसार मामले को आगे बढ़ाया गया।

विज्ञप्ति के अनुसार, तीन जून 2025 को आरोपी निकालजे के खिलाफ भारतीय न्याय संहिता (बीएनएस) की धारा 74 (महिला की गरिमा को ठेस पहुंचाने के इरादे से उस पर हमला या आपराधिक बल का प्रयोग) और धारा 329(3) (आपराधिक अतिक्रमण और घर में जबरन प्रवेश) के तहत एक प्राथमिकी दर्ज की गई थी।

विज्ञप्ति के मुताबिक, पुलिस ने उसी दिन आरोपी को गिरफ्तार कर लिया और एक दुर्लभ उपलब्धि हासिल करते हुए छह घंटे के भीतर आरोप पत्र दाखिल कर दिया गया।

त्वरित सुनवाई के बाद प्रथम श्रेणी न्यायिक मजिस्ट्रेट (एफसीजेएम) आरती शिंदे ने आठ जुलाई को फैसला सुनाया, जिसमें आरोपी को दोषी ठहराया गया और उसे सजा सुनाई गई।

भाषा

शफीक पवनेश

पवनेश