मुंबई, 17 अगस्त (भाषा) महाराष्ट्र की राजधानी मुंबई और पड़ोसी ठाणे शहर में दही हांडी उत्सव के दौरान दो लोगों की मौत हो गई, जबकि 300 से अधिक लोग घायल हो गए। नगर निगम के अधिकारियों ने रविवार को यह जानकारी दी।
अधिकारियों के मुताबिक, मुंबई में घायल हुए 318 लोगों में से केवल 24 को अस्पताल में भर्ती कराया गया है, जिनमें नौ वर्षीय एक लड़का भी शामिल है, जबकि बाकी लोगों को शनिवार को इलाज के बाद छुट्टी दे दी गई।
भगवान श्रीकृष्ण के जन्म के उपलक्ष्य में मनाए जाने वाले इस उत्सव में युवक-युवतियों की टोलियां मानव पिरामिड बनाकर रस्सियों से हवा में लटकी दही हांडी को तोड़ती नजर आईं।
अधिकारियों के अनुसार, मुंबई शहर में दही हांडी उत्सव के दौरान सबसे अधिक 135 लोग घायल हुए इसके बाद पश्चिमी और पूर्वी उपनगरों में क्रमशः 111 और 72 लोग घायल हुए।
उन्होंने बताया कि घायलों में से नौ वर्षीय एक लड़के सहित दो लोगों की हालत गंभीर है।
तानाजी नगर निवासी आर्यन यादव नामक यह लड़का एक चॉल में जश्न के दौरान घायल हो गया था और उसका कांदिवली के एक सरकारी अस्पताल में इलाज चल रहा है, जबकि श्रेयस चालके (23) को सरकारी जीटी अस्पताल में भर्ती कराया गया है।
मृतकों में 32 वर्षीय जगमोहन शिवकिरण चौधरी नामक व्यक्ति शामिल है, जो महानगर के उत्तरपूर्वी हिस्से के मानखुर्द में दही हांडी बांधते समय गिरकर मर गया। इसके अलावा शनिवार रात घाटकोपर के एक अस्पताल में 14 वर्षीय एक लड़के को मृत घोषित कर दिया गया।
एक अधिकारी ने कहा, ‘‘चौधरी महाराष्ट्र नगर स्थित अपने घर की पहली मंजिल की खिड़की की ग्रिल से रस्सी से हांडी बांध रहे थे, तभी वे गिर पड़े। उन्हें नगर निगम द्वारा संचालित शताब्दी गोवंडी अस्पताल ले जाया गया, जहां उन्हें मृत घोषित कर दिया गया।’’
गांवदेवी गोविंदा पथक में शामिल रोहन मोहन मालवी अंधेरी इलाके के आदर्श नगर में एक टेम्पो में बैठे-बैठे बेहोश हो गया। हाल ही में पीलिया होने के कारण उसने पिरामिड निर्माण में भाग नहीं लिया।
स्थानीय नगर निकाय के आपदा प्रबंधन प्रकोष्ठ के प्रमुख यासीन तड़वी ने बताया कि पड़ोसी ठाणे शहर में मानव पिरामिड बनाने का प्रयास करते समय 22 प्रतिभागी घायल हो गए।
उन्होंने बताया कि इनमें से 17 लोगों को कलवा स्थित छत्रपति शिवाजी महाराज अस्पताल में भर्ती कराया गया है, जिनमें से कुछ को सिर में चोट, कंधे, कमर और छाती में चोटें आई हैं।
भाषा रवि कांत दिलीप
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