नवाब मलिक की गिरफ्तारी पर उद्धव सरकार के मंत्रियों ने उठाए सवाल, राज्य सचिवालय के सामने दिया धरना

Uddhav government ministers raised questions on the arrest of Nawab Malik

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  • Publish Date - February 24, 2022 / 11:53 AM IST,
    Updated On - November 29, 2022 / 07:56 PM IST

मुंबईः Uddhav government ministers प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) द्वारा धन शोधन के एक मामले में महाराष्ट्र के मंत्री नवाब मलिक को गिरफ्तार किए जाने के विरोध में महाराष्ट्र के उपमुख्यमंत्री अजीत पवार और राज्य के कई अन्य मंत्रियों ने बृहस्पतिवार को धरना दिया। राज्य सचिवालय मंत्रालय के नजदीक लगी महात्मा गांधी की प्रतिमा के पास धरना स्थल पर सबसे पहले पवार ही पहुंचे। राज्य के गृह मंत्री दिलीप वाल्से पाटिल, स्वास्थ्य मंत्री राजेश टोपे, राजस्व मंत्री बालासाहेब थोराट, जल संसाधन मंत्री जयंत पाटिल, आवास मंत्री जितेंद्र आव्हाड, खाद्य एवं नागरिक आपूर्ति मंत्री छगन भुजबल, राहत एवं पुनर्वास मंत्री विजय वडेट्टीवार, गृह राज्य मंत्री सतेज पाटिल और पर्यटन राज्य मंत्री अदिति तटकरे भी प्रदर्शन में शामिल हुए। राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी (राकांपा) की सांसद सुप्रिया सुले और राज्य महिला आयोग की अध्यक्ष रूपाली चाकणकर भी इस दौरान मौजूद रहीं।

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Uddhav government ministers थोराट ने पत्रकारों से बात करते हुए दावा किया कि केन्द्रीय जांच एजेंसियों का इस्तेमाल राजनीतिक प्रतिद्वंद्वियों को खामोश करने के लिए किया जा रहा है। कांग्रेस नेता ने कहा, ‘‘ यह काफी दुर्भाग्यपूर्ण है और देश के इतिहास का एक काला अध्याय है।’’ राकांपा की राज्य इकाई के प्रमुख जयंत पाटिल ने कहा कि मलिक के खिलाफ लगे आरोप ‘‘बेबुनियाद’’ हैं। उन्होंने कहा कि मलिक आतंकवाद से संबंध के उन पर लगे सभी आरोपों का जवाब अदालत में देंगे।

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उन्होंने दावा किया कि भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) का ‘‘महा विकास अघाड़ी (एमवीए) सरकार को सत्ता से बाहर करने का प्रयास’’ अभी तक सफल नहीं हुआ है। ‘‘ मंत्रिमंडल सदस्य के खिलाफ कार्रवाई इसी का हिस्सा है।’’ ईडी ने महाराष्ट्र के अल्पसंख्यक कार्य मंत्री नवाब मलिक (62) को धन शोधन के एक मामले की जांच के सिलसिले में बुधवार को गिरफ्तार कर लिया था। इसके बाद मलिक को धन शोधन से जुड़े मामलों की सुनवाई करने वाली एक विशेष अदालत के समक्ष पेश किया गया, जिसने उन्हें तीन मार्च तक के लिए प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) की हिरासत में भेज दिया।

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एजेंसी का कहना है कि यह जांच, भगौड़े गैंगस्टर दाऊद इब्राहिम, उसके सहयोगियों और मुंबई अंडरवर्ल्ड की गतिविधियों से संबंधित है। सत्तारूढ़ महा विकास अघाड़ी के शीर्ष नेताओं की बुधवार शाम हुई एक बैठक के बाद, राकांपा के एक वरिष्ठ नेता ने कहा था कि मलिक का इस्तीफा लेने का कोई सवाल ही नहीं उठता, क्योंकि उन्होंने कुछ भी गलत नहीं किया है। एमवीए, में शिवसेना, राकांपा और कांग्रेस शामिल हैं।