मुंबई, 13 जनवरी (भाषा) मुंबई की एक विशेष अदालत ने शुक्रवार को केंद्रीय अन्वेषण ब्यूरो (सीबीआई) को वीडियोकॉन कर्ज धोखाधड़ी मामले में भारतीय दंड संहिता (भादंसं) के तहत आपराधिक विश्वासघात की धारा जोड़ने की अनुमति दे दी और कहा कि जांच अधिकारी अदालत की अनुमति के बिना जांच के दौरान धाराएं जोड़ या हटा सकते हैं।
इस मामले में आईसीआईसीआई बैंक की पूर्व मुख्य कार्यकारी अधिकारी (सीईओ) चंदा कोचर और उनके व्यवसायी पति भी आरोपी हैं।
पिछले महीने चंदा कोचर की गिरफ्तारी के बाद, सीबीआई ने उनके खिलाफ मामले में भादंसं की धारा 409 जोड़ने का अनुरोध करते हुए विशेष अदालत का रुख किया था। यह धारा लोक सेवक या बैंकर द्वारा आपराधिक विश्वासघात से संबंधित है और इसमें दोषी को अधिकतम 10 साल की सजा का प्रावधान है।
पूर्व बैंकर ने सीबीआई के इस कदम का विरोध किया था।
हालांकि, विशेष सीबीआई अदालत के न्यायाधीश एम.आर. पुरवार ने चंदा कोचर के वकील की आपत्ति को खारिज करते हुए कहा, ‘‘आरोपी को सुनने की आवश्यकता नहीं है।’’
जांच एजेंसी ने चंदा कोचर के अलावा उनके पति दीपक कोचर और वीडियोकॉन समूह के संस्थापक वेणुगोपाल धूत को ऋण धोखाधड़ी मामले में आरोपी बनाया है। तीनों को पिछले महीने गिरफ्तार किया गया था।
भाषा
शफीक अविनाश
अविनाश