अमरावती, 25 अप्रैल (भाषा) आंध्र प्रदेश के मुख्यमंत्री एन. चंद्रबाबू नायडू ने अधिकारियों को त्वरित विकास के लिए सार्वजनिक-निजी भागीदारी (पीपीपी) मॉडल के माध्यम से बड़े पैमाने पर विकास परियोजनाओं को बढ़ावा देने का निर्देश दिया है।
मुख्यमंत्री ने बृहस्पतिवार को कहा कि ‘स्वर्णआंध्र-2047’ के विजन को साकार करने और राज्य में बड़े निवेश को आकर्षित करने के लिए पीपीपी सबसे प्रभावी मार्ग है।
एक आधिकारिक प्रेस विज्ञप्ति के अनुसार नायडू ने कहा, ‘‘राज्य के तेजी से विकास के लिए हमें हर उपलब्ध संसाधन का उपयोग करना होगा। खनिजों के कुशल प्रबंधन से अतिरिक्त राजस्व प्राप्त करना भी महत्वपूर्ण है।’’
उन्होंने बताया कि पूर्ववर्ती पीपीपी पहलों के अच्छे परिणाम सामने आए हैं।
मुख्यमंत्री ने सचिवालय में अधिकारियों के साथ बैठक कर पीपीपी कार्यान्वयन के विस्तार के उपायों की समीक्षा की और प्रत्येक जिले को एक स्वतंत्र विकास इकाई मानते हुए सड़क, बंदरगाह, स्वास्थ्य सेवा, पर्यटन और सार्वजनिक सुविधाओं के क्षेत्रों में पीपीपी को प्राथमिकता देने पर बल दिया।
नायडू ने कहा कि इस प्रकार की साझेदारी राज्य के बजट में पूंजीगत व्यय को बढ़ावा देने के साथ-साथ विकास लक्ष्यों को प्रत्यक्ष रूप से सहयोग देती है।
केंद्र सरकार भी ‘भारत अवसंरचना परियोजना विकास निधि’ के माध्यम से इस प्रकार की योजनाओं को बढ़ावा देती है।
मुख्यमंत्री ने अधिकारियों को भूमि आवंटन में देरी, अनुमति की बाधाएं और विवाद जैसे मुद्दों के शीघ्र समाधान के निर्देश दिए।
उन्होंने यह भी कहा कि पहले की सरकारों द्वारा पीपीपी समझौतों की अनदेखी के कारण राज्य को दीर्घकालिक नुकसान हुआ है।
इस दौरान अधिकारियों ने मुख्यमंत्री को जानकारी दी कि पीपीपी के तहत 20 सड़कों के 1,422 किलोमीटर हिस्से के लिए विस्तृत परियोजना रिपोर्ट (डीपीआर) तैयार है। राज्य की योजना और व्यवहार्यता के अनुसार भविष्य में इसका दायरा 8,893 किलोमीटर तक बढ़ाया जा सकता है।
नायडू ने कहा कि सरकार नयी पहलों के लिए ‘राष्ट्रीय अवसंरचना वित्तपोषण एवं विकास बैंक’ और ‘राष्ट्रीय निवेश एवं अवसंरचना कोष’ से सहयोग प्राप्त करेगी।
भाषा राखी सुरभि
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