रायपुर: विधानसभा के शीतकालीन सत्र के तीसरे दिन में सदन में पूर्व मंत्री अजय चंद्राकर को धमकी देने के मामले को लेकर सदन में हंगामा शुरू हो गया था। हालांकि आरोपी को कुछ देर बाद ही गिरफ्तार कर लिया गया था। इस बात की जानकारी कृषि मंत्री रविंद्र चौबे ने सदन में दी। इसके बाद विवक्ष के नेताओं ने मामले को सदन में उठाने की बात कहते हुए शांत हुए।
इस मामले को लेकर गृहमन्त्री ताम्रध्वज साहू ने बताया कि दुर्ग निवासी रेत खदान कारोबारी जसपाल सिंह रंधावा ने अजय चंद्राकर को धमकी दी थी। मामले में पुलिस ने धारा 151 के तहत आरोपी रंधावा के खिलाफ मामला दर्ज कर न्यायालय में पेश किया।
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इस मामले को लेकर नेता प्रतिपक्ष धरमलाल कौशिक ने कहा कि इस मामले में शासन को खुद एफआईआर दर्ज करानी चाहिए। वहीं, अजय चंद्राकर ने कल ही मुझे सुरक्षा प्रदान कर दी गई थी, जिसे मैंने लौटा दिया। मैं सदन में लगातार अवैध रेत खनन का मामला उठाते रहूंगा।
अजीत जोगी ने कहा कि इसके लिए अलग से एफआई दर्ज करने की जरूरत नहीं है। डीजीपी को दी गई पहली सूचना को ही एफआईआर मानी जाए।
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रमन सिंह ने कहा कि आरोपी के खिलाफ जान से मारने का मामला दर्ज होना चाहिए। बृजमोहन, शिवरतन शर्मा, धर्मजीत सिंह ने भी इस घटना की निंदा की और इसे गंभीरता से लेने की बात कही।शिवरतन ने अजय चंद्राकर को धमकी के मामले में स्थगन प्रस्ताव पर चर्चा की मांग की।
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