Ambubachi Mela 2025
Ambubachi Mela 2025 date & time : अंबुबाची मेला असम के कामाख्या मंदिर में हर साल आयोजित होने वाला एक वार्षिक हिंदू मेला है। हिंदू महीने “आषाढ़” के सातवें से दसवें दिन तक अम्बुबाची की अवधि के दौरान, मंदिर के दरवाजे सभी के लिए बंद कर दिए जाते हैं क्योंकि ऐसा माना जाता है कि देवी कामाख्या मासिक धर्म के वार्षिक चक्र से गुजरती हैं। अम्बुबाची मेला 22 जून से आरंभ होने जा रहा है और 26 जून तक यह मेला चलेगा। यह मेला देवी कामाख्या के मासिक धर्म चक्र को दर्शाता है, जो पृथ्वी की उर्वरता और स्त्री शक्ति का प्रतीक है। ऐसा माना जाता है कि इस दौरान देवी को आराम और विश्राम की जरूरत होती है अर्थात यह भी मान्यता है कि इस दौरान देवी अपनी रचनात्मक शक्ति से पृथ्वी को धन्य करती हैं, जिससे भूमि उपजाऊ हो जाती है इसलिए मंदिर के अंदर सभी पूजा-अर्चना बंद कर दी जाती है और मंदिर के आसपास के गांवों में लोग भी कुछ दिनों के लिए नियमित गतिविधियों से दूर रहते हैं।
Ambubachi Mela 2025 date & time : आईये जानते हैं अम्बुबाची मेले के विशेषताएं
– मंदिर के गर्भ ग्रह को तीन दिनों के लिए बंद कर दिया जाता है और इस दौरान कोई पूजा-अर्चना नहीं होती है।
– भक्तों को देवी के मासिक धर्म का प्रतीक लाल रंग का कपड़ा प्रसाद के रूप में दिया जाता है।
– यह मेला देवी कामाख्या के मासिक धर्म के दौरान पृथ्वी की उर्वरता और नारी शक्ति को समर्पित है।
Ambubachi Mela 2025 date & time
अम्बुबाची मेला 22 जून से आरंभ होने जा रहा है और 26 जून तक यह मेला चलेगा। तीन दिनों तक मंदिर में कोई पूजा या दर्शन नहीं किया जाता है। चौथे दिन, जब मां को ‘शुद्धि स्नान’ कराकर विश्राम समाप्त होता है, तब मंदिर के द्वार भक्तों के लिए खोले जाते हैं और विशेष पूजा-अर्चना की जाती है।
Ambubachi Mela 2025 date & time
इस दौरान यहां देश और विदेश से आए तांत्रिक गुप्त साधना करते हैं। इस मेले को अमेटी या तांत्रिक प्रजनन उत्सव के रूप में भी जाना जाता है क्योंकि यह भारत के पूर्वी भागों में प्रचलित तांत्रिक शक्ति पंथ से निकटता से जुड़ा हुआ है । यहाँ तक कि कुछ तांत्रिक बाबा भी इन चार दिनों के दौरान ही सार्वजनिक रूप से दिखाई देते हैं। जानकारी के लिए बता दें कि जब देवी सती का शरीर को सूदर्शन चक्र से भगवान विष्णु ने भागों में बांटा था, तब उनका योनि भाग यहीं गिरा था, इसलिए यह स्थान प्रजनन शक्ति और उर्वरता का प्रतीक है। इस मेले की खास बात यह भी है कि इस दौरान मंदिर के गर्भगृह में देवी के पास रखे गए सफेद कपड़ा रखा जाता है रजस्वला होने के बाद जब यह कपड़ा लाल हो जाते हैं, जो भक्तों को प्रसाद के रूप में यह वस्त्र दिया जाता है।
Ambubachi Mela 2025 date & time
मान्यता है अनुसार, यह वस्त्र भक्तों को सुख, समृद्धि और अच्छी सेहत प्रदान करता है। ऐसा भी कहा जाता है कि इस वस्त्र के प्रभाव से संतानहीन महिलाओं को संतान की प्राप्ति भी होती है। हालांकि, यह वस्त्र हर किसी को नहीं मिल पाता है बल्कि कुछ ही लोगों को यह वस्त्र मिलता है।
———-
Read more : यहाँ पढ़ें और सुनें