Mesh Sankranti : 14 अप्रैल को मनाई जाएगी मेष संक्रांति, यहां देखें व्रत रखने की विधि, सूर्य करेंगे गोचर

Mesh Sankranti 14th April in Vrat and Surya Gochar 2023 : 14 अप्रैल को मेष संक्रांति मनाई जाएगी। सूर्य मेष राशि में गोचर करेंगे।

  •  
  • Publish Date - April 12, 2023 / 01:06 PM IST,
    Updated On - April 12, 2023 / 01:09 PM IST

Raviwar Ke Upay in Hindi

Mesh Sankranti 14th April in Vrat and Surya Gochar 2023 : नई दिल्ली। हिन्दू धर्म में त्योहार और व्रत का काफी महत्व है। एक वर्ष में कई शुभ दिन आते हैं जिसके लिए महिलाएं और पुरूष देवी देवताओं को प्रसन्न करने के लिए व्रत रखती हैं। हमारे हिंदू धर्म में व्रत रखने का महत्व वेद पुराणों तक दिया गया है। 14 अप्रैल को मेष संक्रांति मनाई जाएगी। इस दिन नवग्रहों के राजा सूर्य मेष राशि में गोचर करेंगे। इसलिए इस दिन मेष संक्रांति मनाई जाएगी।

read more : Suryakumar IPL 2023 : एक-एक रन के लिए तरस रहे ‘सूर्यकुमार’, कहां गए 360 डिग्री वाले वो शॉट, टीम इंडिया के स्पिनर पियूष चावला ने कहा ऐसा कि… 

इन राशियों में सूर्य का गोचर

Mesh Sankranti 14th April in Vrat and Surya Gochar 2023 : सूर्य के गोचर को ज्योतिष में बहुत खास माना जाता है और इसका प्रभाव सभी राशियों पर भी पड़ता है। साथ ही इसी दिन बैसाखी भी मनाई जाएगी, जोकि सिख धर्म का महत्वपूर्ण पर्व होता है। ज्योतिष के अनुसार, इसी दिन खरमास की भी समाप्ति होगी। खरमास के खत्म होते ही सभी मांगलिक कार्यों की फिर से शुरुआत हो जाएगी। इस दिन सूर्य मेष, मीन, धनु और वृश्चिक राशियों में गोचर करेंगेे।

read more : DA hike latest update : केंद्रीय कर्मचारियों के लिए आई बड़ी खुशख़बरी, DA में होगी 4 प्रतिशत की बढ़ोतरी!… इस दिन हो सकती है घोषणा 

मेष संक्रांति में सूर्य पूजा

Mesh Sankranti 14th April in Vrat and Surya Gochar 2023 : मेष संक्रांति में सूर्य देव की पूजा करने से विशेष लाभ प्राप्त होता है। इस दिन स्नान के बाद सूर्य को अर्घ्य दें और गायत्री मंत्र का जाप करें। इसके बाद ब्राह्मण को दान-दक्षिणा भी दें। इस दिन गेहूं, गुड़ और चांदी की वस्तु दान करना शुभकारी होता है। मेष संक्रांति को स्नान आदि से निवृत्त होकर लाल वस्त्र पहनें। ताबें के पात्र या लोटे में जल, अक्षत्, लाल पुष्प रखकर सूर्य देव को अर्घ्य दें। सूर्य देव की स्तुति करने से सभी प्रकार की तरक्की होती है। यश, कीर्ति और वैभव की प्राप्ति होती है।
read more : राजधानी के इस स्कूल को मिली बम से उड़ाने की धमकी, आनन-फानन में खाली कराया गया परिसर 

मेष संक्रांति के पूजा विधि

  • मेष संक्रांति के दिन सूरज देवता कोजल देने का विशेष महत्व माना जाता है।
  • इस दिन सुबह जल्दी उठकर नित्यक्रियाओं से निवृत्त होने के बाद किसी पवित्र नदी में स्नान किया जाता है।
  •  यदि घर के आसपास कोई पवित्र नदी ना हो तो घर में ही पानी में थोड़ा गंगाजल मिलाकर स्नान किया जाता है।
  •  इस दिन स्नान करने के बाद लाल रंग के वस्त्र धारण किए जाते हैं।
  •  इसके बाद तांबे के लोटे में जल भरकर इसमें लाल चंदन, थोड़ा कुमकुम और लाल फूलों या गुलाब की पत्तियां मिलाई जाती हैं।
  •  तांबे के लोटे में जल भरकर पूरब दिशा की ओर मुंह कर के दोनों हाथों से लोटे को अपने सर से ऊपर की ओर उठा कर धीरे धीरे जल की एक धारा बनाई जाती है।
  • इस तरह सूरज देव को 7 बार जल अर्पित किया जाता है।
  •  यदि सूरज देवता को घर पर ही अर्घ्य दे रहे हैं, तो जहां पर जल गिरेगा वहां किसी बर्तन या बाल्टी को रखा जाता है।
  •  ऐसा करने से जमा हुआ जल को किसी गमले पौधे या पेड़ की जड़ में डाल दिया जाता है।
  •  सूरज देव को जल अर्पित करते समय गायत्री मंत्र का जाप किया जाता है।
  •  यदि किसी व्यक्ति की कुंडली में सूरज नीचे के स्थान पर है, तो उसे मेष संक्रांति के दिन दान पुण्य करना चाहिए।
  •  मेष संक्रांति के दिन गरीब और जरूरतमंदों को गेहूं, गुड और चांदी का दान देना शुभ माना जाता है ।
  • मेष संक्रांति के दिन सूरज देव की पूजा करने से सभी प्रकार के दुख रोग दूर हो जाते हैं।

 

 

और भी लेटेस्ट और बड़ी खबरों के लिए यहां पर क्लिक करें