कोलकाता: go-ahead to Gangasagar Mela देशभर में तेजी से फैलते कोरोना संक्रमण के चलते कई राज्यों में पाबंदी लगा दी गई है। साथ ही स्कूल कॉलेजों को भी बंद किया जा रहा है। संक्रमण के चलते धार्मिक आयोजन और संस्थानों पर बाहर व्यक्तियों के प्रवेश पर प्रतिबंध लगा दिया गया है। इसी बीच खबर आ रही है कि कोलकाता हाईकोर्ट ने गंगासागर मेले पर रोक लगाने से इंकार कर दिया है। बता दें कि पहले की प्रदेश की ममता बनर्जी सरकार ने गंगासागर मेले में रोक लगाने से इंकार कर दिया था।
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go-ahead to Gangasagar Mela कोलकाता हाई कोर्ट ने आज गंगासागर मेले (Gangasagar Mela) मामले पर सुनवाई की। इस दौरान उन्होंने पश्चिम बंगार सरकार से अपील करते हुए कहा कि धार्मिक आस्था से कई ज्यादा जरूरी जीवन है। ‘बार ऐंड बेंच’ के मुताबिक कोर्ट ने मेले के दौरान गंगा में डुबकी (Holi Dip In Ganga) लगाने की बजाय ई स्नान को प्रोत्साहित करने की अपील की। साथ ही इन शर्तों के साथ कोर्ट ने गंगासागर मेले के आयोजन की परमिशन दे दी है। बता दें कि कोलकाता हाई कोर्ट में आज गंगा सागर मेले को लेकर एक जनहित याचिका पर सुनवाई हुई। इस दौरान ममता सरकार ने कोर्ट में कहा कि वह मेले के आयोजन के पक्ष में है।
ज्ञात हो कि 8 जनवरी से गंगा सागर मेले की शुरुआत होने जा रही है। बंगाल में कोरोना के बढ़ते संक्रमण की वजह से गंगा सागर मेले को टालने के लिए कोर्ट में एक जनहित याचिका दायर की थी। याचिकाकर्ता डॉक्टर भनिनंदर मंडल ने अपनी याचिका में कहा था कि मेले में बड़ी संख्या में भीड़ जुटती है, इससे संक्रमण बढ़ने का खतरा और भी गहरा हो जाएगा।
पहुंचते हैं 30 लाख दर्शनार्थी
याचिका में कहा गया था कि गंगासागर मेले में हर साल करीब 30 लाख लोगों की भीड़ जुटती है। बड़ी संख्या में भीड़ से कोरोना संक्रमण तेजी से फैल सकता है। अब हाई कोर्ट ने कुछ शर्तों के साथ मेले के आयोजन को अनुमति दे दी है। बता दें कि पश्चिम बंगाल में हर साल जनवरी महीने में गंगासागर मेले का आयोजन किया जाता है। इस दौरान बड़ी संख्या में बीड़ जुटती है। यही वजह है कि याचिकार्ता ने मेले पर रोक लगाने की अपील हाई कोर्ट से की।
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Calcutta HC gives go-ahead to Gangasagar Mela with certain conditions. A 3-Member Committee comprising of LoP in the State, Chairman, WB Human Rights Commission & representative of the State is constituted to ensure compliance of measures suggested by the State
— ANI (@ANI) January 7, 2022