Chaitra Navratri 2022: The fifth day of Navratri is dedicated to the worship of Skandmata.

Chaitra Navratri 2022: स्नेह की देवी स्कंदमाता को बेहद प्रिय है ये फल, चढ़ावे से खुल जाएगी किस्मत, जानें पूजा विधि

Chaitra Navratri 2022: मोक्ष के द्वार खोलने वाली माता परम सुखदायी हैं। मां अपने भक्तों की सभी इच्छाओं को पूरा करती हैं

Edited By :   Modified Date:  November 29, 2022 / 08:28 PM IST, Published Date : April 6, 2022/8:21 am IST

धर्म। Chaitra Navratri 2022:   नवरात्रि का पांचवां दिन स्कंदमाता की उपासना का होता है। मोक्ष के द्वार खोलने वाली माता परम सुखदायी हैं। मां अपने भक्तों की सभी इच्छाओं को पूरा करती हैं। भगवान स्कंद ‘कुमार कार्तिकेय’ नाम से भी जाने जाते हैं। वो देवासुर संग्राम में देवताओं के सेनापति बने थे।

यह भी पढ़ें: बरकरार रहेगी Sachin Birla की विधायकी, विधानसभा स्पीकर ने खारिज की कांग्रेस की याचिका

इन्हीं भगवान स्कंद की माता होने के कारण मां दुर्गा के इस स्वरूप को स्कंदमाता के नाम से जाना जाता है। स्कंदमाता की चार भुजाएं हैं । ये कमल के आसन पर विराजमान रहती हैं । इसी कारण इन्हें पद्मासना देवी भी कहा जाता है। सिंह इनका वाहन है।

Chaitra Navratri 2022:  सूर्यमंडल की अधिष्ठात्री देवी होने के कारण इनका उपासक अलौकिक तेज और कांति से संपन्न हो जाता है। आज माता को केले या पीले फलों का भोग लगाएं..माता के साधकों को आज नीले रंग के वस्त्र धारण करना चाहिए। इस दिन भक्त को एकाग्र भाव से मन को पवित्र रखकर मां की शरण में आने का प्रयत्न करना चाहिए।

यह भी पढ़ें:  सायबर दूल्हे से सावधान! अनजान लोगों से दोस्ती करने से तौबा ही करें, क्योंकि हर एक दोस्त जरूरी और भरोसेमंद नहीं

Chaitra Navratri 2022:  इस दिन साधक का मन ‘विशुद्ध’ चक्र में अवस्थित होता है। पंचमी पर साधक का मन समस्त लौकिक, सांसारिक बंधनों से मुक्त होकर पद्मासना मां स्कंदमाता के स्वरूप में पूरी तरह तल्लीन हो जाता है और परम पद की राह बनाता है।

या देवी सर्वभू‍तेषु मां स्कंदमाता रूपेण संस्थिता।
नमस्तस्यै नमस्तस्यै नमस्तस्यै नमो नम:।।

यह भी पढ़ें: Congress में Jyotiraditya Scindia का विकल्प कौन…ग्वालियर-चंबल में कौन होगा कांग्रेस का चेहरा?

 
Flowers