Diwali 2025: क्या आपको पता है घर में ‘शुभ-लाभ’ लिखने की असली वजह? जानें कैसे ये छोटे शब्द लाते हैं बड़े लाभ और सकारात्मक ऊर्जा?
दीपावली पर माता लक्ष्मी और भगवान गणेश की पूजा के दौरान मुख्य द्वार पर 'शुभ' और 'लाभ' लिखे जाते हैं। यह घर में सुख-समृद्धि, खुशहाली और सकारात्मक ऊर्जा लाने का प्रतीक है। ये शब्द धन और सफलता के लिए शुभ संकेत माने जाते हैं।
(Diwali 2025, Image Credit: IBC24 News Customize)
- दीपावली पर शुभ-लाभ लिखना शुभता और समृद्धि का प्रतीक माना जाता है।
- यह शब्द भगवान गणेश के दो पुत्रों के नाम से जुड़े हुए हैं।
- मुख्य द्वार पर इसे लिखने से नकारात्मक ऊर्जा प्रवेश नहीं करती।
Diwali 2025: हिंदू धर्म में ‘शुभ-लाभ’ शब्द घरों, गाड़ियों और कार्यालयों पर आमतौर पर लिखा हुआ देखा जाता है। इसे धार्मिक दृष्टि से अत्यंत ही शुभ और लाभकारी माना जाता है। विशेषकर दीपावली के अवसर पर माता लक्ष्मी और भगवान गणेश की पूजा के दौरान घर के मुख्य द्वार पर दीप जलाकर ‘शुभ’ और ‘लाभ’ के दो शब्द लिखे जाते हैं। लेकिन कई बार यह सवाल उठता है कि आखिर ये शब्द क्यों लिखे जाते हैं? तो आइए इसके महत्व को जानते हैं।
शुभ-लाभ लिखने की धार्मिक मान्यता
परंपराओं के मुताबिक माना जाता है कि घर के मुख्य द्वार पर ‘शुभ-लाभ’ और स्वस्तिक चिन्ह अंकित करने से घर में समृद्धि और खुशहाली बनी रहती है। यह प्रतीक न केवल सकारात्मक ऊर्जा का संचार करता है, बल्कि नकारात्मक शक्तियों को घर में प्रवेश करने से रोकता है। साथ ही इससे विघ्नों को दूर करने वाले भगवान गणेश की कृपा हमेशा बनी रहती है।
पौराणिक कथा
पौराणिक कथाओं के मुताबिक, भगवान गणेश का विवाह प्रजापति विश्वकर्मा की पुत्री रिद्धि और सिद्धि से हुआ था। रिद्धि और सिद्धि के दो पुत्र थे – ‘शुभ’ (जिसका अर्थ कल्याणकारी बुद्धि से है) और ‘लाभ’ (जो लाभ और सफलता का प्रतीक है)। यही वजह है कि शुभ-लाभ के नाम से घरों में कल्याण और समृद्धि की कामना की जाती है।
गणेश जी की प्रथम पूजा का महत्व
हिंदू धर्म में भगवान गणेश को सभी पूजा-विधियों में सबसे पहले पूजनीय माना जाता है। शुभ-लाभ लिखने से उनकी कृपा सदैव प्राप्त होती है और विघ्नों से बचाव होता है। इसीलिए लोग घर के द्वार और पूजा स्थलों पर शुभ-लाभ के शब्द लिखकर भगवान गणेश का आशीर्वाद प्राप्त करना चाहते हैं। इस प्रकार शुभ-लाभ केवल शब्द नहीं बल्कि समृद्धि, सुख और भगवान गणेश की कृपा का प्रतीक है, जो हर हिंदू घर में सुख-शांति और खुशहाली का संदेश देता है।
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