Rudraksha should not be worn at these places
नई दिल्ली : Shaligram And Ekmukhi Rudraksh: पारिवारिक जीवन में रहने वाले लोगों को दो चीजें कभी घर में नहीं रखनी चाहिए। ऐसा करने से आपकी मुश्किलें बढ़ सकती हैं। ईशा फाउंडेशन के संस्थापक सद्गुरु कहते हैं कि जो परिवार ये गलतियां करते हैं, वो ऐसी मुश्किलें और दहशत से गुजरते हैं जो कल्पना से एकदम परे है। इनके परिणाम बहुत ही बुरे हो सकते हैं।
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Shaligram And Ekmukhi Rudraksh: शालिग्राम एक खास किस्म का पत्थर होता है, जिसका मिलना बहुत ही दुर्लभ है। आमतौर पर लोग इसे घर में रखकर पूजा करना शुरू कर देते हैं। लेकिन क्या आप जानते हैं कि समुद्र के किनारों पर सामान्य रूप से पाई जाने वाली रत्न ज्योति शालिग्राम की तरह बेची जाती है। बाजार में किसी भी काले रंग के पत्थर को शालिग्राम बोलकर बेचा जाने लगा है। वास्तव में वो शालीग्राम नहीं है। ज्यादातर शालीग्राम जो आप देखते हैं उनमें कोई खास गुण नहीं होता है। वो बस केवल एक सुंदर पत्थर हैं।
सद्गुरु कहते हैं कि शालीग्राम एक बहुत ही दुर्लभ पत्थर है, जो करोड़ों में एक होता है। अगर आपको ये मिल भी जाए तो आप इसमें फर्क नहीं ढूंढ सकेंगे। जब तक कि आप एक खास किस्म के व्यक्ति न हों। अगर आप एक असली शालीग्राम उठा लेते हैं, तब आप वाकई मुश्किल में पड़ सकते हैं। अगर आपको उसे संभालकर रखने का तरीका नहीं पता है तो आप बहुत बड़ी मुसीबत में पड़ सकते हैं। ये बहुत विनाशकारी साबित हो सकता है। लेकिन इसके इस्तेमाल का सही तरीका पता हो तो ये किसी खजाने से कम नहीं है।
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Shaligram And Ekmukhi Rudraksh: जो लोग पारिवारिक जीवन में रहते हैं। जो लोग बिना पर्याप्त अनुशासन, एकाग्रता और जागरुकता के जीवन जीते हैं, उन्हें अपने घर में कभी शालिग्राम नहीं रखना चाहिए। अगर वे ऐसा करते हैं तो उन्हें बेहद अशांति के साथ गुजरना पड़ सकता है। ऐसे बहुत से परिवार हैं, जहां कई पीढ़ियों पहले लोग घर में शालिग्राम लाए और इसका सही प्रयोग करके सफल हो गए। लेकिन उनके मरने के बाद अगली पीढ़ी को इसके प्रयोग की जानकारी नहीं थी। ऐसे परिवारों को बड़ी मुश्किलें और दहशत का सामना करना पड़ा।
दरअसल, लोगों को ये पता ही नहीं होता है कि उसकी ऊर्जा कैसे संभालें। उदाहरण के लिए, आपके पास एक पावरहाउस है आपके घर में ऊर्जा पैदा करने का एक स्रोत है और आपको वो ऊर्जा संभालनी नहीं आती है ।इसलिए आप जब भी उसे प्रयोग करने की कोशिश करेंगे तो परेशानी में आ जाएंगे। शालिग्राम एक जबरदस्त ऊर्जा का भंडार है। यह एक छोटे ब्रह्माण्ड की तरह है। क्योंकि इसमें वैसी ही ऊर्जा रहती है, जैसे किसी बड़े ब्रह्माण्ड में होती है।
Shaligram And Ekmukhi Rudraksh: अक्सर आपने लोगों में एकमुखी रूद्राक्ष को धारण करने की होड़ देखी होगी। हर किसी को एक मुखी चाहिए। जबकि इंसान के खुद के कई मुख होते हैं। जब आपके कई मुख हैं और आप एकमुखी धारण करें तो निश्चित तौर पर आप परेशानी को बुलावा दे रहे हैं। आपको ये केवल तब पहनना चाहिए, जब आपका जीवन एक ही लक्ष्य पर केंद्रित है। इसलिए ऐसी नायाब चीजों की तलाश बंद कर दीजिए।
सद्गुरु कहते हैं कि शालीग्राम या एकमुखी रूद्राक्ष को अपने पास रखने की या धारण करने की जिद छोड़ दीजिए। यह असली आध्यात्मिक प्रक्रिया नहीं है। यह बस निशानियां इकट्ठा करने की तलब है। हर चीज को पवित्र और श्रेष्ठ मानना बंद कर दीजिए। इन्हें पेड़ों की जड़, नदी या समुद्र के किनारों पर ढूंढना बंद कर दीजिए। अगर आप इन चीजों के लायक हैं तो वो किसी न किसी तरह आपके पास पहुंच जाएंगी।