Gupt Navratri 2025/ Image Credit: IBC24 File
नई दिल्ली। Gupt Navratri 2025: हिंदू धर्म में नवरात्रि का विशेष महत्व होता है। नवरात्रि का व्रत साल में चार बार रखा जाता है, जिसमें से दो बार प्रत्यक्ष और दो बार गुप्त नवरात्रि आती हैं। शारदीय और चैत्र नवरात्रि को छोड़कर दो गुप्त नवरात्रि भी होती हैं। ऐसे में आज गुप्त नवरात्रि मनाई जाएगी। इस दिन माता के नौ रूपों की पूजा गुप्त तरीके से की जाती है। तो चलिए जानते हैं इसका शुभ मुहूर्त और पूजा विधि क्या है।
बता दें कि, कयों आज नवरात्रि के पहले दिन मां दुर्गा के शैलपुत्री स्वरूप की पूजा की जाती है। उनका स्वरूप बहुत शांत, सरल और दया से परिपूर्ण है। नवरात्रि के पहले दिन का व्रत और पूजा करने से कष्टों से मुक्ति मिलती है। मां शैलपुत्री की साधना से मूलाधार चक्र जागृत होता है, जो हमारे शरीर में ऊर्जा का केंद्र है।
आषाढ़ शुक्ल पक्ष की प्रतिपदा तिथि 25 जून 2025 को शाम 4:00 बजे शुरू होगी और 26 जून 2025 को दोपहर 1:24 बजे समाप्त होगी। ऐसे में इस साल गुप्त नवरात्रि की शुरुआत 26 जून से हो रही है और 4 जुलाई को समापन होगा।
घटस्थापना का समय: सुबह 4:33 बजे से 6:05 बजे तक
घटस्थापना अभिजित मुहूर्तः सुबह 10:58 बजे से 11:53 बजे तक
नवरात्रि के पहले दिन मां शैलपुत्री की पूजा करने के लिए सबसे पहले मंदिर को साफ सफाई कर अखंड ज्योति जलाकर शुभ मुहूर्त में घट स्थापना करे। इसके बाद
एक चौकी पर लाल कपड़ा बिछाकर मां शैलपुत्री या मां दुर्गा के चित्र को उस पर रखें। साथ ही प्रथम पूज्य भगवान गणेश का आह्वान करें और फिर मां शैलपुत्री का आह्वान करें। पूजा शुरू करने के बाद मां को अक्षत, सिंदूर, धूप, गंध, पुष्प, मिठाई, दक्षिणा चढ़ाएं। इसके बाद मां के मंत्रों का जाप करें। ऊं ऐं ह्नीं क्लीं चामुण्डायै विच्चे ॐ शैलपुत्री देव्यै नम:। इसके बाद घी का दीपक जलाकर मां की आरती करें।