कल्कि हैं भगवान विष्णु के 10वें अवतार, कलयुग-सतयुग के संधि काल में लेंगे जन्म, 9 पहले ही हो चुके हैं अवतरित

कल्कि हैं भगवान विष्णु के 10वें अवतार, कलयुग-सतयुग के संधि काल में लेंगे जन्म, 9 पहले ही हो चुके हैं अवतरित

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  • Publish Date - July 24, 2020 / 09:04 AM IST,
    Updated On - November 29, 2022 / 02:54 PM IST

रायपुर। सावन माह में शुक्ल पक्ष की षष्ठी तिथि को कल्कि जयंती मनाई जाती है। भगवान कल्कि, भगवान विष्णु के ऐसे अवतार हैं जो उनकी लीला करने से पहले ही भक्तों द्वारा पूजे जाते हैं। भगवान कल्कि, भगवान विष्णु के दसवें अवतार हैं। भगवान विष्णु के 10 अवतारों में से नौ पहले ही अवतरित हो चुके हैं। दसवें यानी अंतिम अवतार, भगवान कल्कि का प्रकट होना शेष है। उनके आगमन की उम्मीद में यह त्योहार कल्कि जयंती के रूप में मनाया जाता है।

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भगवान कल्कि का अवतार कलियुग और सतयुग के संधि काल में होगा। यह अवतार 64 कलाओं से युक्त होगा। भगवान कल्कि के अवतार लेते ही सतयुग का आरंभ होगा और कलियुग का अंत होगा। माना जाता है कि भगवान कल्कि मनुष्यों के हृदय में भक्ति भाव जगाएंगे। लोग धार्मिकता के मार्ग और शुद्धता के युग का पालन शुरू कर देंगे। भगवान कल्कि देवदत्त नामक अश्व पर सवार होकर संसार से पापियों का विनाश करेंगे।

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साधु-संतों एवं शुद्ध हृदय वालों की रक्षा करेंगे। मान्यता है कि भगवान विष्णु, भगवान कल्कि के रूप में प्रकट होंगे ताकि ब्रह्मांड में धार्मिकता और शांति स्थापित हो सके।

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भगवान कल्कि, भगवान शिव के भक्त होंगे और इनके गुरु भगवान परशुराम होंगे। इस त्योहार पर उपवास रखें। भगवान विष्णु की आराधना करें। कल्कि जयंती पर ब्राह्मणों को भोजन दान करना महत्वपूर्ण है।