Sarvartha Siddhi Yoga will be made on Nirjala Ekadashi 2023
Lord Vishnu grace will remain in Nirjala Ekadashi : हर साल कुल 24 एकदशी पड़ती है, जिसमें ज्येष्ठ माह के शुक्ल पक्ष की एकादशी तिथि को निर्जला एकादशी का व्रत रखा जाता है। इसे बहुत ही महत्वपूर्ण माना जाता है। इस दिन व्रत रखने से साल भर में सभी एकादशी के फल की प्राप्ति होती है। साथ ही भगवान विष्णु की कृपा भी बनी रहती है।
ऐसी मान्यता है कि इस दिन निर्जला व्रत का पुण्य फल साल की सभी एकादशी के बराबर होता है। इस दिन पानी पीना वर्जित होता है। इसलिए एकदाशी को निर्जला एकादशी कहा जाता है। इस बार निर्जला एकादशी का व्रत दिनांक 31 मई को रखा जाएगा। अब ऐसे में आइए आज हम आपने इस लेख में निर्जला एकादशी का शुभ मुहूर्त क्या है, महत्व क्या है, पूजन विधि क्या है, इसके बारे में विस्तार से बताएंगे।
Lord Vishnu grace will remain in Nirjala Ekadashi : इस दिन सुबह स्नान करने के बाद पीले वस्त्र पहनें और भगवान विष्णु की पूजा करें और व्रत संकल्प लें। भगवान विष्णु को पीले फूल, तुलसीदल और पंचामृत अर्पित करें। साथ ही भगवान विष्णु और मां लक्ष्मी के मंत्रों का जाप अवश्य करें। इस बात का ध्यान रखें कि आपको जल नहीं ग्रहण करना है और अन्न, फलाहार का भी सेवन नहीं करना है।