रायपुर: Shani ki Sade Sati शास्त्रों में सूर्य पुत्र शनिदेव को कर्मफलदाता और न्याय प्रिय बताया गया है। लेकिन शनिदेव भी भगवान बजरंगबली के सामने बेबस होते हैं। ऐसा कहा जाता है कि हनुमान जी की कृपा से शनि की ढैय्या ही नहीं साढ़े साती से भी मुक्ति मिल जाती है। आपको बता दें कि शनि अपनी स्वराशि कुंभ जनवरी में ही प्रवेश कर चुके हैं और 17 जून को कुंभ राशि में ही वक्री होने जा रहे हैं।
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Shani ki Sade Sati ज्योतिष शास्त्र के अनुसार जब कोई ग्रह उल्टी चाल चलता है तो उसे वक्री कहा जाता है। साथ ही, जब ग्रह वक्री होता है तो उसका प्रभाव कई गुना बढ़ जाता है। शनि 139 दिन तक उल्टी चाल चलेंगे। ऐसे में 3 राशियों के जातकों को इसका शुभ प्रभाव प्राप्त होता। करियर और व्यापार में जबरदस्त सफलता मिलेगी।
धनु राशि- शनि वक्री होकर धनु राशि के जातकों को तगड़ा लाभ दिलाएंगे। शनि आपकी राशि के तीसरे भाव में गोचर भ्रमण करने जा रहे हैं और इस राशि वें 12वें भाव के स्वामी हैं। इस दौरान शनि यहां पॉवरफुल रहेंगे। धनु राशि के लोगों को साहस और पराक्रम में वृद्धि महसूस होगी, आत्मविश्वास बढे़गा। नौकरी कर रहे जातकों को शुभ समाचार मिल सकते हैं। धन संचय करने में सक्षम होंगे।
मिथुन राशि- मिथुन राशि के लोगों को भी शनि वक्री होकर शुभ परिणाम देंगे। शनि देव इस राशि में 9वें भाव में भम्रण करेंगे और 139 दिन इसी राशि में विराजमान रहेंगे। मिथुन राशि के जातकों को किस्मत का पूरा साथ मिलेगा। आपकी अधूरे काम पूरे होंगे. नए काम की शुरूआत के लिए समय अच्छा रहेगा। पिता के साथ संबंध मधुर होंगे।
तुला राशि- शनि देव तुला राशि के स्वामी ग्रह हैं। आपकी राशि में शनि ग्रह 5वें भाव में वक्री होंगे। शनि 139 दिन तक रहने वाले हैं। तुला राशि वालों के लिए लाभदायी सिद्ध होगा। आपको आकस्मिक धन लाभ की प्राप्ति हो सकती है। संतान पक्ष के कोई शुभ समाचार मिल सकता है। लव लाइफ में सफलता हासिल करेंगे। प्रॉपर्टी, रियल स्टेट और शनि से जुड़े काम करने वालों को जबरदस्त सफलता मिलेगी।