Mahashivratri tips 2025
Mahashivratri 2025 tips : महाशिवरात्रि भारतीयों का एक प्रमुख त्यौहार है। यह भगवान शिव का प्रमुख पर्व है। साल में होने वाली 12 शिवरात्रियों में से महाशिवरात्रि को सबसे महत्वपूर्ण माना जाता है | भारत सहित पूरी दुनिया में महाशिवरात्रि का पावन पर्व बहुत ही उत्साह के साथ मनाया जाता है | फाल्गुन मास के कृष्ण पक्ष की चतुर्दशी तिथि को महाशिवरात्रि पर्व मनाया जाता है। माना जाता है कि सृष्टि का प्रारम्भ इसी दिन से हुआ था। पौराणिक कथाओं के अनुसार इस दिन सृष्टि का आरम्भ अग्निलिंग (जो महादेव का विशालकाय स्वरूप है) के उदय से हुआ। महाशिवरात्रि के दिन भगवान शिव व पत्नी पार्वती की पूजा होती हैं। यह पूजा व्रत रखने के दौरान की जाती है। हिंदुओं की मान्यता है कि इस दिन व्रत व पूजा करने वाले स्त्री/पुरुष को अच्छा पति या पत्नी मिलती है।
Mahashivratri 2025 tips : आईये जाने महाशिवरात्रि के दिन शिवलिंग पर क्या चढ़ाएं?
शिव पूजा में सावधानी बरतना बहुत जरूरी है। शिवलिंग पर उचित चीजें चढ़ाने से भगवान शिव प्रसन्न होते हैं और भक्तों की मनोकामना पूरी करते हैं। इसलिए शिव पूजा के दौरान इन बातों का ध्यान रखना चाहिए।
शिवलिंग पर जल, दूध, दही, शहद, घी, गंगाजल, बेलपत्र, धतूरा, भांग आदि चढ़ाना शुभ माना जाता है।
महाशिवरात्रि के दिन शिवलिंग पर बेलपत्र, भांग, धतूरा, दूध, अक्षत, चंदन, गंगाजल, शहद, घी, शमी के पत्ते आदि चढ़ाए जा सकते हैं। वहीं, शिवलिंग पर केतकी, कनेर, केवड़ा या लाल रंग का फूल नहीं चढ़ाना चाहिए। शंख या शंख से जल भी नहीं चढ़ाना चाहिए।
शिवलिंग पर बेलपत्र चढ़ाने से पूजा पूरी होती है।
शिवलिंग पर धतूरा चढ़ाने से भगवान शिव जल्दी प्रसन्न होते हैं।
शिवलिंग पर भस्म चढ़ाने से भगवान शिव की कृपा मिलती है।
शिवलिंग पर चंदन का तिलक लगाया जाता है।
शिवलिंग पर गंगाजल चढ़ाने से विवाह में आने वाली अड़चनें दूर होती हैं।
शिवलिंग पर शहद चढ़ाने से धनवृद्धि होती है।
शिवलिंग पर घी चढ़ाने से वंश की वृद्धि होती है।
शिवलिंग पर शमी के पत्ते चढ़ाने से भगवान शिव प्रसन्न होते हैं।
Mahashivratri 2025 tips : शिवलिंग पर क्या नहीं चढ़ाएं?
टूटे हुए चावल: टूटे हुए चावल को अशुभ माना जाता है। इसलिए इसे शिवलिंग पर नहीं चढ़ाना चाहिए।
नारियल: नारियल को माता लक्ष्मी का प्रतीक माना जाता है। इसलिए इसे शिवलिंग पर चढ़ाना उचित नहीं माना जाता।
शंख: शिवलिंग पर शंख से जल चढ़ाना वर्जित है। मान्यता है कि भगवान शिव ने शंखचूड़ नामक राक्षस का वध किया था।
तांबे का बर्तन: तांबे के बर्तन में जल भरकर शिवलिंग पर चढ़ाना वर्जित है।
Mahashivratri 2025 tips
हल्दी: हल्दी को स्त्रीत्व का प्रतीक माना जाता है। जबकि शिवजी वैरागी स्वभाव के हैं। इसलिए शिवलिंग पर हल्दी नहीं चढ़ाई जाती।
केतकी का फूल: पौराणिक कथा के अनुसार, केतकी के फूल ने भगवान शिव के प्रति असत्य बोला था। इसलिए इसे शिवलिंग पर चढ़ाना निषिद्ध है।
कुमकुम: कुमकुम को सुहाग का प्रतीक माना जाता है। शिवजी वैरागी स्वभाव के हैं, इसलिए शिवलिंग पर कुमकुम नहीं चढ़ाया जाता।
चंपा के फूल: चंपा के फूल को भी शिवलिंग पर चढ़ाना वर्जित माना जाता है।
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तुलसी: तुलसी को विष्णु जी का प्रिय माना जाता है। मान्यता है कि भगवान शिव ने तुलसी के पति जालंधर का वध किया था, इस कारण तुलसी शिवजी को प्रिय नहीं है। इसलिए शिवलिंग पर तुलसी के पत्ते नहीं चढ़ाए जाते।
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