Mahashivratri Puja Samagri : शिवलिंग की पूजा एवं अभिषेक की सामग्री में यदि इन 3 चीज़ों को न किया शामिल,, तो चारों पहर की पूजा रहेगी अधूरी

If these 3 things are not included in the material of worship and Abhishek on Shivling, then the worship of all four times will remain incomplete

  •  
  • Publish Date - February 25, 2025 / 05:12 PM IST,
    Updated On - February 25, 2025 / 05:15 PM IST

Mahashivratri puja samagri

Mahashivratri Puja Samagri : महाशिवरात्रि के दिन यदि आप भगवान् भोलेनाथ को प्रसन्न करने चाहतें हैं तो शिवलिंग पर आवश्य चढ़ाएं धतूरा, कच्चा दूध, फूल, भांग, अक्षत एवं गंगाजल के अलावा 3 ऐसी महत्वपूर्ण चीजें हैं, जिन्हें चढ़ाए बिना भगवान शिव की पूजा अधूरी मानी जाती है। शिवपुराण में इन चीजों को भगवान शिव को अर्पित करने की वजह भी बताई गई है। महाशिवरात्रि का दिन भगवान शिव की आराधना के लिए ख़ास माना जाता है। मान्यता है कि महाशिवरात्रि पर भगवान शिव की पूजा करने से मनचाहे जीवनसाथी की प्राप्ति होती है। साथ ही भगवान शिव की कृपा से जीवन की सभी बाधाएं दूर हो जाती हैं। आप भी अगर महाशिवरात्रि व्रत रख रहे हैं या भगवान शिव की विशेष पूजा करना चाहते हैं, तो याद रखें कि भगवान शिव की विशेष पूजा में तीन चीजों को जरूर शामिल करें।

Mahashivratri Puja Samagri : आईये जानते हैं वो तीन विशेष चीज़ें कौन सी हैं..

महाशिवरात्रि पर भगवान शिव को रुद्राक्ष ज़रूर चढ़ाएं

महाशिवरात्रि पर भगवान शिव को रुद्राक्ष की चढ़ाया जाता है। शिव पुराण में उल्लेख है कि रुद्राक्ष के फल रुद्र (शिव) के पवित्र आंसुओं का प्रतीक हैं, जो उनके गहन ध्यान से लौटने के बाद उनके गालों पर टपके थे। धरती पर गिरते ही इन आंसुओं से रुद्राक्ष के पेड़ उग आए। इसलिए रुद्राक्ष को शिव जी का प्रतीक माना जाता है। एक बार शिव जी ध्यान में लीन थे। तभी उनके आंसू धरती पर टपके। इन आंसुओं ने रुद्राक्ष के वृक्षों को जन्म दिया। यही कारण है कि रुद्राक्ष शिव जी से जुड़ा है एवं रुद्राक्ष उन्हें अत्यंत प्रिय है और उनके प्रतीक के रूप में पूजा जाता है।

Mahashivratri Puja Samagri

महाशिवरात्रि पर भगवान शिव को भस्म ज़रूर चढ़ाएं

भस्म भोलेनाथ को अतिप्रिय है और भस्म भगवान भोलेनाथ का श्रृंगार मानी जाती है। वैदिक धर्म ग्रंथों के अनुसार शिव का श्रृंगार भस्म से करने पर भोलेनाथ प्रसन्न होते हैं, सभी कष्ट दूर कर देते हैं। चूंकि शिव वैरागी हैं, इसलिए उन्हें भस्म चढ़ाना भी अच्छा माना जाता है। भस्म शारीरिक और आत्मिक बल को बढ़ाकर मृत्यु के समय भी अत्यंत आनंद प्रदान करती है।

Mahashivratri Puja Samagri
मान्यता है कि जो भी भक्त शिव को भस्म चढ़ाता है वह उससे जल्दी प्रसन्न होते हैं और उसके सभी दुखों को हर लेते हैं. माना ये भी जाता है कि भस्न चढ़ाने से संसार की मोह माया से मन मुक्त पा लेता है। धार्मिक मान्यता है कि केवल पुरुष ही शिवलिंग पर भस्म अर्पित कर सकते हैं। भस्म, महादेव का प्रतीक है। भस्म हर मनुष्य के लिए जीवन के अस्थायित्व का प्रतीक भी है। हर मनुष्य को याद रखना चाहिए कि इस पृथ्वी पर कुछ भी स्थायी नहीं है, इसलिए अंहकार से सदैव दूर रहना चाहिए।

Mahashivratri Puja Samagri

महाशिवरात्रि पर भगवान शिव को चढ़ाएं बेलपत्र

पौराणिक मान्यताओं के मुताबिक जब देवी पार्वती ने भगवान शिव को पति रूप में पाने के लिए तपस्या और पूजा की थी, तब सबसे पहले उन्होंने ही भगवान शिव को बिल्वपत्र चढ़ाया था। भगवान शंकर और देवी पार्वती को बिल्वपत्र चढ़ाने का विशेष महत्व है। महादेव एक बिल्वपत्र चढ़ाने पर भी प्रसन्न हो जाते है, इसलिए उन्हें आशुतोष भी कहा जाता है।

Mahashivratri Puja Samagri
भगवान शंकर को बेल पत्र बेहद ही प्रिय है। शिवपुराण के अनुसार, समुद्र मंथन से निकले विष के कारण संसार पर संकट मंडराने लगा था। तब भगवान शिव ने सृष्टि की रक्षा के लिए उस विष को गले में धारण कर लिया इससे शिव के शरीर का तापमान बढ़ने लगा और पूरी सृष्टि आग की तरह तपने लगी। इस कारण धरती के सभी प्राणियों का जीवन कठिन हो गया। सृष्टि के हित में विष के असर को खत्म करने के लिए देवताओं ने शिव जी को बेल पत्र खिलाए। बेल पत्र खाने से विष का प्रभाव कम हो गया, तब से ही शिव जी को बेल पत्र चढ़ाने की प्रथा बन गई। इसलिए बेल पत्र चढ़ाने से शिव शीघ्र प्रसन्न होते हैं और भक्तों की हर इच्छा को पूरा करते हैं।

———

Read more : यहाँ पढ़ें और सुनें

Shivling ki Utpatti Kaise hui? : आख़िरकार शिवलिंग कब और कैसे हुआ प्रकट? भगवान विष्णु और ब्रह्मा जी के बीच क्यों छिड़ी बहस? जाने पौराणिक कथा..

Shiva Ashtottara Shatanama Stotram : अपने ध्यान को एकाग्रचित एवं मन को शांत रखने के लिए आवश्य पढ़े शिवा अष्टोत्तर शतनाम स्तोत्रम

Mahashivratri 2025 tips : महाशिवरात्रि के दिन जाने कौन सी वस्तु शिवलिंग पर चढ़ाएं और कौन सी न चढ़ाएं? इन बातों का रखें विशेष ध्यान

Ramayan : हनुमान जी को क्यों और किसने दिया था श्राप? जब श्राप मिला था अपनी शक्तियां भूलने का, तो फिर कैसे आयीं याद?

Bhagwan meri Naiya : “भगवान मेरी नैया…. आगे भी निभा देना”॥ रोज़ प्रातः इस प्रेमपूर्ण प्रार्थना को सुन करें अपने दिन की शुरुवात

 

IBC24 की अन्य बड़ी खबरों के लिए हमारे फेसबुक फेज को भी फॉलो करें
IBC24 की अन्य बड़ी खबरों के लिए यहां क्लिक करें
Follow the IBC24 News channel on WhatsApp