Mithun Sankranti 2023
Mithun Sankranti 2023: मिथुन संक्रांति पूजन से जीवन में शांति और मंगल का आगमन होता है। मिथुन संक्रांति इसलिए भी महत्वपूर्ण मानी जाती है क्योंकि इसके बाद से ही वर्षा ऋतु शरू हो जाती है। कुछ लोग इसे रज संक्रांति के नाम से भी जानते हैं। मिथुन संक्रांति हिन्दू धर्म में मनाये जाने वाले महत्वपूर्ण धार्मिक पर्वों में से एक है, जिसे वर्ष के तीसरे माह की शुरुआत के रूप में मनाया जाता है। वर्ष में आने वाले 12 संक्रांति को दान-पुण्य आदि के सभी कार्यों के लिए शुभ माना जाता है।
हिन्दू पंचांग के अनुसार यह वर्ष का तीसरा माह होता है और इस दिन सूर्य वृषभ राशि से मिथुन राशि में प्रवेश करता है, जिस कारण इसे मिथुन संक्रांति कहा जाता है। इस परिवर्तन से बहुत से अच्छे और बुरे प्रभाव आते हैं इसलिए इस दिन पूजा का बहुत खास महत्व होता है। उड़ीसा में इस दिन को त्यौहार की तरह मनाया जाता है जिसे राजा परबा कहा जाता है। इस दिन विशेष रूप से पोड़ा-पीठा नाम की मिठाई बनाई जाती है। यह गुड़, नारियल, चावल के आटे व घी से बनती है। इस दिन चावल नहीं खाया जाता है।
चार दिनों तक चलने वाला यह पर्व वर्षा ऋतु के आगमन के उत्सव के रूप में मनाया जाता है। इस दिन अविवाहित लड़कियां सुन्दर कपड़े और गहनें पहनती है जबकि विवाहित महिलाएं इस दिन घर के काम-काज से छुट्टी लेकर घर में उत्सव मनाती हैं।
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Mithun Sankranti 2023: वर्ष 2023 में मिथुन संक्रांति 15 जून को मनाया जाता है। 15 जून को शाम 6:29 पर सूर्य देव मिथुन राशि में प्रवेश करेंगे। इस बार पुण्यकाल का जो समय है वो 06:19 मिनट से लेकर 07:20 तक होगा। कुल मिलाकर यह अवधि एक घंटे की होगी। इसी समय में आपको स्नान और दान दोनों करना होगा। मिथुन संक्रांति में सूर्य देव की पूजा की जाती है ताकि आने वाले जीवन में शांति और मंगल का आगमन हो।