नई दिल्ली : Pitru Paksha 2023: पितृपक्ष पितरों को समर्पित है। इस दौरान पितरों की आत्मा की शांति के लिए श्राद्ध किया जाता है। पंचांग के अनुसार पितृपक्ष की शुरुआत भाद्रपद माह की पूर्णिमा तिथि से होती है और अश्विन माह के कृष्ण पक्ष की अमावस्या तिथि पर इसका समापन होता है। पितृपक्ष यानी श्राद्ध का हिंदू धर्म में विशेष महत्व होता है। पितृपक्ष के दौरान पूर्वजों को श्रद्धापूर्वक याद करके उनका श्राद्ध कर्म किया जाता है। पितृपक्ष में पितरों को तर्पण देने और श्राद्ध कर्म करने से उनको मोक्ष की प्राप्ति होती है। इस दौरान न केवल पितरों की मुक्ति के लिए श्राद्ध किया जाता है, बल्कि उनके प्रति अपना सम्मान प्रकट करने के लिए भी किया जाता है। पितृपक्ष में श्रद्धा पूर्वक अपने पूर्वजों को जल देने का विधान है।
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कब से शुरू हो रहा है पितृपक्ष
Pitru Paksha 2023: पितृपक्ष की शुरुआत इस साल 29 सितंबर 2023 से हो रही है। इसका समापन 14 अक्टूबर को होगा।
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- दिनांक दिन तिथि/श्राद्ध
- 29 सितंबर 2023 शुक्रवार पूर्णिमा श्राद्ध
- 29 सितंबर 2023 शुक्रवार प्रतिपदा श्राद्ध
- 30 सितंबर 2023 शनिवार द्वितीया श्राद्ध
- 01 अक्टूबर 2023 रविवार तृतीया श्राद्ध
- 02 अक्टूबर 2023 सोमवार चतुर्थी श्राद्ध
- 03 अक्टूबर 2023 मंगलवार पंचमी श्राद्ध
- 04 अक्टूबर 2023 बुधवार षष्ठी श्राद्ध
- 05 अक्टूबर 2023 गुरुवार सप्तमी श्राद्ध
- 06 अक्टूबर 2023 शुक्रवार अष्टमी श्राद्ध
- 07 अक्टूबर 2023 शनिवार नवमी श्राद्ध
- 08 अक्टूबर 2023 रविवार दशमी श्राद्ध
- 09 अक्टूबर 2023 सोमवार एकादशी श्राद्ध
- 11 अक्टूबर 2023 बुधवार द्वादशी श्राद्ध
- 12 अक्टूबर 2023 गुरुवार त्रयोदशी श्राद्ध
- 13 अक्टूबर 2023 शुक्रवार चतुर्दशी श्राद्ध
- 14 अक्टूबर 2023 शनिवार सर्व पितृ अमावस्या