Sawan somwar 2022: भगवान भोलेनाथ को क्यों पसंद है शमी पत्र?, जानें इसके चढ़ाने का नियम और महत्व

Shami Plant; Sawan somwar 2022 : सावन का महीना चल रहा है। शिवालयों में बम-बम भोले की गूंज हो रही है। भक्त महादेव को मनाने में लगे हुए हैं।

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  • Publish Date - July 27, 2022 / 05:31 AM IST,
    Updated On - November 29, 2022 / 02:17 AM IST

Shami Plant; Sawan somwar 2022 : सावन का महीना चल रहा है। शिवालयों में बम-बम भोले की गूंज हो रही है। भक्त महादेव को मनाने में लगे हुए हैं। सभी शिव मंदिर ओम नम: शिवाय के मंत्र से गूंज रहे हैं। सावन सोमवार को मंदिरों में जमकर भीड़ हो रही हैं। भगवान शिव को प्रसन्न करने के लिए उनके भक्त कई तरह के जतन करते हैं। सावन महीने में भगवान शिव की विशेष पूजा अर्चना की जाती है। भगवान भोलेनाथ का आशीर्वाद पाने के लिए शिवभक्त तरह तरह के उपाय करते हैं। शिव की पूजा में धतूरा, मदार के फूल, बेल पत्र, शमी पत्र को शुभ माना जाता है। भगवान शिव को शमी पत्र विशेषतौर पर चढ़ाया जाता है।〈 >>*IBC24 News Channel के WHATSAPP  ग्रुप से जुड़ने के लिए यहां CLICK करें*<<

चढ़ाने का नियम

सावन महीने में भगवान शिव को शमी पत्र अर्पित करने से मनचाहा वरदान ​मिलता है। सावन महीने में सोमवार को सुबह शिवालय में जाकर पूर्व या उत्तर दिशा में मुख करके बैठें। इसके बाद तांबे के लोटे में जल, गंगाजल, सफेद चंदन, चावन आदि मिलाकर शिवलिंग को अर्पित करें। इस दौरान ओम नम: शिवाय मंत्र का जाप करें। इसके बाद भगवान भोलेनाथ को ​बेल पत्र, सफेद वस्त्र, चावल, शमी पत्र अर्पित करें। शमी पत्र चढ़ाते समय ओम नम: शिवाय मंत्र का उच्चारण करना चाहिए।

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क्यों शुभ है शमी पत्र?

शमी के पेड़ को बेहद शुभ माना गया है। कहा जाता है कि रावण का वध करने के बाद जब भगवान श्रीराम वापस लौटे थे, तब उन्होंने शमी के वृक्ष की पूजा की थी। दूसरी कथा के अनुसार, महाभारत में पांडवों को अज्ञातवास दिए जाने पर अस्त्र शस्त्र शमी के पेड़ में ही छिपा दिए थे। इस वजह से शमी के पेड़ को शुभ माना जाता है।

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शमी पत्र का महत्व

हिंदू धर्म और शास्त्रों में बताया गया है कि सावन महीने में भगवान शिव को शमी पत्र विधिवत तरीके से चढ़ाना अति फलदायी होता है। इससे जीवन में सुख समृद्धि का संचार होता है और भगवान शिवजी की कृपा बनी रहती है। हिंदू धर्म के मुताबिक, ​सावन माह में शिवलिंग पर जलाभिषेक के बाद दूध चढ़ाना शुभ है। इसके पश्चात धतूरा, मदार के फूल, बेल पत्र, शमी पत्र आदि चढ़ाने से शिव प्रसन्न होते हैं।

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