उत्तराखंड। साल का पहला सूर्य ग्रहण रविवार यानी 21 जून को सुबह 9:15 बजे से शुरू होगा जो दोपहर बाद 03:04 बजे तक रहेगा। वहीं सूर्य ग्रहण के 12 घंटे पहले ही सूतक लग जाएगा। ज्योतिष के अनुसार रात 10:25 से सूतक शुरू हो जाएगा जो 21 जून को ग्रहण की समाप्ति पर खत्म हो जाएगा।
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इस दौरान किसी भी तरह का शुभ कार्य नहीं किया जाता है। मंदिरों के दरवाजे बंद हो जाते है। सूतक काल के दौरान न ही भोजन किया जाता है और न ही खाना पकाया जाता है। वहीं सूतक के प्रारंभ से पहले ही आज रात 10 बजे से चार धाम के मंदिर के कपाट बंद हो जाएंगे।
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बद्रीनाथ धाम के धर्माधिकारी भुवन चंद्र उनियाल ने बताया कि सूर्य ग्रहण भले ही कल है लेकिन उसका सूतक 12 घंटे पहले ही शुरू हो जाएगा। उन्होंने बताया कि आज रात 10.25 बजे से सूतक शुरू होगा जो 21 जून की दोपहर 1.53 बजे तक रहेगा। इसके बाद चारों धामों के मंदिर परिसरों की साफ-सफाई के बाद ही पूजा-अर्चना की जाएगी।
उत्तराखंड: आज रात 10.25 बजे से सूतक शुरू होगा जो 21जून रविवार की दोपहर 1.53 बजे तक रहेगा। धर्माधिकारी के मुताबिक कल रविवार को दो बजे के बाद चारों धामों के मंदिर परिसरों की साफ-सफाई के बाद ही पूजा-अर्चना की जाएगी। (फाइल तस्वीरें बद्रीनाथ-केदारनाथ) https://t.co/kLfjwMlQHu pic.twitter.com/EMtn7BaNZH
— ANI_HindiNews (@AHindinews) June 20, 2020
ग्रहण के दौरान राहू सूर्य और चंद्रमा का कुछ देर के लिए उन्हें अपना ग्रास बना लेता है। इसी कारण से जब भी ग्रहण पड़ता तो ग्रहण के प्रभाव को कम करने के लिए मंदिरों के दरवाजे बंद कर दिए जाते हैं। सूतक काल के आरंभ होने पर कुछ भी न तो खाया जाता है और न ही किसी तरह का भोजन बनाया जाता है। ग्रहण के खत्म होने के साथ ही सूतक का समय भी खत्म हो जाता है। इसके बाद स्नान कर पूजा- पाठ किया जाता है।
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