Sri Suvarchala Sahitha Hanuman Mandir: देश का इकलौता मंदिर.. पत्नी सुवर्चला के साथ विराजे हैं हनुमान जी, मान्यता ऐसी कि दर्शन मात्र से दूर हो जाती है बाधाएं

Sri Suvarchala Sahitha Hanuman Mandir: देश का इकलौता मंदिर.. पत्नी सुवर्चला के साथ विराजे हैं हनुमान जी, मान्यता ऐसी कि दर्शन मात्र से दूर हो जाती है बाधाएं

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  • Publish Date - April 12, 2025 / 02:36 PM IST,
    Updated On - April 12, 2025 / 02:36 PM IST

Sri Suvarchala Sahitha Hanuman Mandir/ Image source: justdial

HIGHLIGHTS
  • भारत का एकमात्र मंदिर जहां पत्नी सुवर्चला संग होती है हनुमान जी की पूजा
  • सूर्यदेव ने अपनी सुपुत्री सुवर्चला देवी से करवाया था हनुमान जी का विवाह
  • 9 दिव्य विद्याएं पाने के लिए हनुमान जी ने किया था विवाह

Sri Suvarchala Sahitha Hanuman Mandir: देशभर में आज हनुमान जयंती की धूम देखने को मिल रही है। बता दें कि हिंदू पंचांग के अनुसार, चैत्र माह के शुक्ल पक्ष की पूर्णिमा तिथि को हर साल हनुमान जयंती मनाई जाती है। वैसे तो हनुमान जी को बाल ब्रह्मचारी बताया गया है, लेकिन देश में एक ऐसा मंदिर है जहां वो अपनी पत्नी सुवर्चला के साथ पूजे जाते हैं। हम बात कर रहे हैं तेलंगाना के खम्मम डिस्ट्रिक्ट के एलंदु ग्राम में स्थित “श्री सुवर्चला सहिता हनुमान मंदिर” की। इस मंदिर में हनुमान और उनकी पत्नी सुवर्चला देवी की पूजा की जाती है। आइए जानते हैं इस अनोखे मंदिर के बारे में..

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भारत का एकमात्र मंदिर जहां पत्नी संग होती है पूजा

बता दें कि, ‘श्री सुवर्चला सहिता हनुमान मंदिर सिर्फ दक्षिण भारत में ही नहीं, बल्कि पूरे भारत का एकमात्र मंदिर है जहां भगवान हनुमान और उनकी पत्नी सुवर्चला देवी की पूजा की जाती है। इस मंदिर की स्थापना साल 2006 में हुई थी। हर साल यहां स्थानीय लोग ज्येष्ठ शुद्ध दशमी पर भगवान हनुमान के विवाह का जश्न मनाते हैं। हालांकि, उत्तर भारत में रहने वाले लोगों के लिए यह बहुत ही हैरानी की बात है, क्योंकि भक्त उनकी पूजा बाल ब्रह्मचारी के रूप में करते हैं।

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सूर्य को अपना गुरु मानते थे हनुमान 

मंदिर के पुजारी बताते हैं कि, ‘हनुमान जी सूर्य को अपना गुरु मानते थे। सूर्यदेव के पास 9 दिव्य विद्याएं थीं। हनुमान जी सभी विद्याओं का अध्ययन करना चाहते थे, लेकिन सूर्यदेव हनुमान जी को केवल 5 विद्याएं ही सिखा सकते थे, क्योंकि शेष 4 विद्याएं केवल उन्हीं शिष्यों को दी जा सकती थीं जो विवाहित हों। पहले तो हनुमान जी इस शर्त को स्वीकारने के लिए तैयार नहीं हुए, क्योंकि वे स्वयं को बाल ब्रह्मचारी मानते थे। लेकिन सूर्यदेव ने उन्हें आश्वस्त किया कि, विवाह के बाद भी वे ब्रह्मचारी और तपस्वी रह सकते हैं। तब उन्होंने अपनी सुपुत्री सुवर्चला देवी का विवाह हनुमान जी से कराया। हालांकि, विवाह के बाद दोनों अपनी-अपनी तपस्या के लिए वापस लौट गए। वो विवाह केवल हनुमान जी को शेष सिद्धियों की प्राप्ति के लिए कराया गया था।

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ज्ञान की देवी मानी जाती हैं देवी सुवर्चला 

देवी सुवर्चला को सूर्यवंशी ज्ञान की देवी माना जाता है। मान्यता है कि वे नारी शक्ति की प्रतीक हैं और अपने तपस्वी रूप में आज भी भगवान हनुमान के साथ आध्यात्मिक रूप से जुड़ी हुई हैं। इस मंदिर को लेकर ऐसी मान्यताएं हैं कि जो भी भक्त हनुमान और देवी सुवर्चला को समर्पित इस मंदिर में पूजा-अर्चना करता है, उसके जीवन की सारी इच्छाएं पूरी होती है। साथ ही वैवाहिक जीवन में आ रही बाधाएं, रोजगार में रुकावटें और व्यवसाय में स्थिरता जैसे जीवन के कठिन चरण हनुमान और सुवर्चला देवी की कृपा से दूर हो जाते हैं।

हनुमान जी और उनकी पत्नी की मंदिर कहां स्थित है?

तेलंगाना के खम्मम डिस्ट्रिक्ट के एलंदु ग्राम में हनुमान जी और उनकी पत्नी का मंदिर है।

हनुमान जी और उनकी पत्नी के मंदर का नाम क्या है?

हनुमान जी और उनकी पत्नी के मंदर का नाम "श्री सुवर्चला सहिता हनुमान मंदिर" है।

हनुमान जी की पत्नी का क्या नाम था?

हनुमान जी की पत्नी का नाम सुवर्चला देवी था, जो सूर्यदेव की सुपुत्री थी।