Suryakund Hanuman Mandir History: मध्यप्रदेश का सुप्रसिद्ध हनुमान मंदिर.. दिन में तीन बार अपना रूप बदलती है बजरंगबली की प्रतिमा, नर्मदा पुराण में भी मिलता है जिक्र

Suryakund Hanuman Mandir History: मध्यप्रदेश का सुप्रसिद्ध हनुमान मंदिर.. दिन में तीन बार अपना रूप बदलती है बजरंगबली की प्रतिमा

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  • Publish Date - April 12, 2025 / 01:22 PM IST,
    Updated On - April 12, 2025 / 01:22 PM IST

Suryakund Hanuman Mandir History/ Image source: IBC24

HIGHLIGHTS
  • मंडला से लगभग 3 किलोमीटर दूर स्थित सूर्यकुंड में सुप्रसिद्ध हनुमान मंदिर
  • हनुमान जी की प्रतिमा दिन में तीन बार अपना रूप बदलती है
  • हनुमान जयंती के अवसर पर सुबह से ही मंदिर में भक्तों का तांता लगा

देवेन्द्र कुमार रैदास, मंडला। Suryakund Hanuman Mandir History: आज देशभर में हनुमान जयंती का पर्व धूमधाम से मनाया जा रहा है। मध्य प्रदेश के मंडला जिले में भी इस अवसर पर विशेष उत्साह देखने को मिल रहा है। मंडला से लगभग 3 किलोमीटर दूर स्थित सूर्यकुंड में सुप्रसिद्ध हनुमान मंदिर में भक्तों की भारी भीड़ उमड़ रही है।

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सूर्यकुंड हनुमान मंदिर की मान्यता है कि, यहां हनुमान जी की प्रतिमा दिन में तीन बार अपना रूप बदलती है। सुबह बाल रूप, दोपहर में युवा रूप और शाम को वृद्ध रूप में दर्शन देते हैं। इसका नर्मदा पुराण मे भी जिक्र है। इतना ही नहीं यह मंदिर नर्मदा तट पर स्थित है, जिसके बारे में मान्यता ये भी है की भगवान सूर्य नर्मदा परिक्रमा कर रहे थे, उसी दौरान यहां आकर वे तपस्या करने लगे जिसकी पहरेदारी के लिए भगवान सूर्य ने हनुमान जी को चुना था। तब से ही प्रभु हनुमान यही रुक गए और यहां ही उन्होंने अपना निवास बना लिया। ये भी जाता है कहा जाता है कि जबतक इस स्थान पर नर्मदा परिक्रमावासी नहीं पहुंचते, तब तक उनकी नर्मदा परिक्रमा भी पूरी नहीं होती। यही कारण है कि इस मंदिर में भक्तों की गहरी आस्था है।

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आज हनुमान जयंती के अवसर पर सुबह से ही मंदिर में भक्तों का तांता लगा हुआ है। भक्त हनुमान जी की पूजा-अर्चना कर रहे हैं और उनका आशीर्वाद ले रहे हैं। मंदिर परिसर में भजन-कीर्तन और हनुमान चालीसा का पाठ हो रहा है। मंदिर के सेवक ने बताया कि हनुमान जयंती के अवसर पर विशेष पूजा-अर्चना की जा रही है। उन्होंने कहा कि हनुमान जी की कृपा से सभी भक्तों की मनोकामनाएं पूरी होती हैं। यहां जो भी आता है उसके पल भर में संकट खत्म हो जाते है।

सूर्यकुंड हनुमान मंदिर कहां स्थित है?

सूर्यकुंड हनुमान मंदिर मंडला से लगभग 3 किलोमीटर दूर स्थित है और यह नर्मदा नदी के तट पर स्थित है।

सूर्यकुंड हनुमान मंदिर की सबसे विशेष मान्यता क्या है?

इस मंदिर की सबसे विशेष मान्यता यह है कि हनुमान जी की प्रतिमा दिन में तीन बार रूप बदलती है—सुबह बाल रूप, दोपहर में युवा रूप, और शाम को वृद्ध रूप में दर्शन देती है।

इस मंदिर का उल्लेख किस पवित्र ग्रंथ में मिलता है?

सूर्यकुंड हनुमान मंदिर का उल्लेख नर्मदा पुराण में भी मिलता है।

मंदिर से जुड़ी भगवान सूर्य और हनुमान जी की क्या कथा है?

मान्यता है कि भगवान सूर्य नर्मदा परिक्रमा करते हुए यहां तपस्या करने रुके थे और हनुमान जी को पहरेदारी के लिए नियुक्त किया। तभी से हनुमान जी ने इस स्थान को अपना निवास स्थान बना लिया।

नर्मदा परिक्रमा करने वालों के लिए इस मंदिर का क्या महत्व है?

ऐसा माना जाता है कि जब तक नर्मदा परिक्रमावासी सूर्यकुंड हनुमान मंदिर नहीं पहुंचते, उनकी परिक्रमा पूरी नहीं मानी जाती। इसी कारण यह स्थान परिक्रमा करने वालों के लिए अत्यंत पवित्र और अनिवार्य माना जाता है।