2026 Vivah Muhurat Kab Kab Hai: शादी का सपना पूरा करने का साल! 2026 के 59 मुहूर्त, जानें जनवरी से दिसंबर तक कौन-कौन से दिन हैं सबसे खुशियों वाले
साल 2026 की शुरुआत जनवरी में खरमास और शुक्र ग्रह के अस्त होने के कारण विवाह के लिए शुभ नहीं है। पूरे महीने कोई विवाह मुहूर्त नहीं है। फरवरी से विवाह का शुभ मौसम फिर शुरू होगा, जो जोड़ों के लिए खुशियों भरा रहेगा।
(2026 Vivah Muhurat Kab Kab Hai/ Image Credit: IBC24 News Customize)
- जनवरी 2026 में कोई विवाह मुहूर्त नहीं – कारण: खरमास और शुक्र अस्त।
- सालभर कुल 59 शुभ विवाह मुहूर्त।
- होलाष्टक, अधिक मास और चातुर्मास में विवाह और मांगलिक कार्य वर्जित।
2026 Vivah Muhurat Kab Kab Hai: साल 2026 की शुरुआत शुभ कार्यों के लिहाज से धीमी रहेगी। जनवरी में खरमास और शुक्र ग्रह के अस्त होने की वजह से पूरे महीने कोई विवाह मुहूर्त नहीं रहेगा। लेकिन फरवरी से विवाह का शुभ मौसम शुरू होगा और साल भर कुल 59 शुभ विवाह तिथियां होंगी।
शुभ विवाह मुहूर्त कब से शुरू होंगे?
- जनवरी 2026 में कोई विवाह मुहूर्त नहीं।
- पहला विवाह मुहूर्त: 5 फरवरी 2026
- साल का अंतिम मुहूर्त: 12 दिसंबर 2026
- कुल शुभ विवाह तिथियां: 59
2026 के प्रमुख विवाह मुहूर्त
- फरवरी: 5, 6, 8, 10, 12, 14, 19, 20, 21, 24, 25, 26
- मार्च: 1, 3, 4, 7, 8, 9, 11, 12
- अप्रैल: 15, 20, 21, 25, 26, 27, 28, 29
- मई: 1, 3, 5, 6, 7, 8, 13, 14
- जून: 21, 22, 23, 24, 25, 26, 27, 29
- जुलाई: 1, 6, 7, 11
- नवंबर: 21, 24, 25, 26
- दिसंबर: 2, 3, 4, 5, 6, 11, 12
23 जनवरी 2026 को वसंत पंचमी के दिन भी विवाह होंगे, क्योंकि यह अबूझ मुहूर्त माना जाता है।
जनवरी 2026 में विवाह क्यों नहीं होंगे?
जनवरी में विवाह मुहूर्त न होने के दो मुख्य वजह हैं-
- खरमास: इस दौरान विवाह, गृह प्रवेश और अन्य मांगलिक कार्य वर्जित रहते हैं।
- शुक्र ग्रह अस्त: जब शुक्र अस्त होता है, तब भी विवाह नहीं किए जाते।
खरमास 15 जनवरी को समाप्त होगा, लेकिन शुक्र ग्रह 1 फरवरी तक अस्त रहेगा। इसलिए पूरा जनवरी महीना विवाह के लिए संपूर्ण रूप से निषिद्ध रहेगा।
साल 2026 में विवाह और शुभ कार्य पर रोक की अन्य अवधि
- होलाष्टक (फरवरी अंत – 4 मार्च 2026): इस दौरान कोई मांगलिक कार्य नहीं किया जाता।
- दूसरा खरमास (14 मार्च – 13 अप्रैल 2026): सूर्य के मीन राशि में प्रवेश के बाद दोबारा खरमास रहेगा।
- अधिक मास (2 मई – 29 जून 2026): इस साल दो ज्येष्ठ मास आएंगे, और इस अवधि में कोई शुभ कार्य नहीं होते।
- चातुर्मास (25 जुलाई – 20 नवंबर 2026): देवशयनी एकादशी से देवउठनी एकादशी तक विवाह और सभी मांगलिक कार्य बंद रहते हैं।
विवाह मुहूर्त में गुरु और शुक्र का महत्व
विवाह मुहूर्त तय करने में गुरु (बृहस्पति) और शुक्र का बहुत महत्व है। अगर ये दोनों ग्रह उदय अवस्था में नहीं हैं, तो विवाह को शुभ नहीं माना जाता। यही कारण है कि जनवरी में शुक्र ग्रह अस्त रहने के कारण कोई विवाह मुहूर्त नहीं था।
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