कजरी तीज पर बन रहे हैं ये 3 शुभ योग, जानें कब और क्यों मनाया जाता है ये त्योहार
Kajari Teej 2022: These 3 auspicious yogas are being made on Kajari Teej, जानें कब और क्यों मनाया जाता है ये त्योहार
KAJARI TEEJ
नई दिल्ली। Kajari Teej 2022: कजरी तीज हिंदू धर्म में मनाया जाने वाला खास त्योहार है, इस दिन भगवान शिव और माता पार्वती की पूरे विधि-विधान से पूजा की जाती है। महिलाएं इस दिन अपने पति की दीर्घायु के लिए व्रत रखती हैं और महादेव-पार्वती माता से घर में सुख-समृद्धि बनाए रखने की प्रार्थना करती हैं। बता दे कि हर साल कृष्ण पक्ष की तृतीया तिथि को कजरी तीज का व्रत रखा जाता है। कजरी तीज रक्षाबंधन के तीन दिन बाद और कृष्ण जन्माष्टमी के पांच दिन पहले मनाई जाती है।
कजरी तीज पर बन रहे हैं 3 शुभ योग
Kajari Teej 2022: इस दिन अभिजीत और विजय मुहूर्त एवं सर्वार्थ सिद्धि योग में कजरी तीज का व्रत अत्यंत शुभ फलदायी होगा. अभिजीत मुहूर्त दोपहर 12 बजकर 08 मिनट से 12 बजकर 59 मिनट तक रहेगा। सर्वार्थ सिद्धि योग रात 09 बजकर 56 मिनट से अगस्त 15 सुबह 06 बजकर 09 मिनट तक रहेगा और विजय मुहूर्त दोपहर 02 बजकर 41 मिनट से शाम 03 बजकर 33 मिनट तक रहेगा।
कब है कजरी तीज
Kajari Teej 2022: इस साल कजरी तीज 14 अगस्त रविवार के दिन मनाई जाएगी। तृतीया तिथि 14 अगस्त 2022 सुबह 12 बजकर 53 मिनट पर शुरू होगी और 14 अगस्त को ही रात 10 बजकर 35 मिनट पर खत्म होगी। ऐसे में महिलाओं को पूजा करने के लिए काफी समय मिल जाएगा।
क्यों मानाया जाता है कजरी तीज
Kajari Teej 2022: कजरी तीज का व्रत सुहागिन महिलाएं पति की लंबी आयु के लिए रखती हैं। इस दिन महिलाएं सोलह श्रृंगार करती हैं और पूरे दिन निर्जल व्रत रखती हैं। खासकर उत्तरी भारत के राज्यों में महिलाओं की बीच इस व्रत की अत्यधिक मान्यता है। ज्यादातर उत्तर प्रदेश, मध्य प्रदेश, राजस्थान और बिहार की महिलाएं कजरी तीज के पर्व को धूम-धाम से मनाती हैं। इस व्रत में पूजा के लिए जो सामग्री ली जाती है उसमें कच्चा सूत, नए वस्त्र, पीला वस्त्र, केले के पत्ते, धतूरा, बेलपत्र, शमी के पत्ते, सुपारी, कलश, दूर्वा घास, कपूर, घी, अक्षत, चावल, गंगाजल और गाय का दूध आदि शामिल किया जाता है।

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