Sita Navami 2025/ Image Credit: Meta AI
नई दिल्ली। Sita Navami 2025: हिंदू धर्म में हर महीने कई तरह के व्रत, अमावस्या आते हैं। जिनका अपना अलग ही महत्व होता है। जिसे पूरे विधि-विधान के साथ मनाया जाता है। ऐसे में सीता नवमी मनाई जा रही है। यह हिंदुओं के प्रमुख त्योहारों में से एक है, जो देवी सीता के जन्म का भी प्रतीक है। हर साल यह पर्व वैशाख महीने में शुक्ल पक्ष की नवमी तिथि को मनाया जाता है, इस साल यह आज यानी 5 मई को पड़ रहा है। तो चलिए जानते हैं इसकी पूजा विधि और इसका महत्व।
5 मई को सोमवार के दिन नवमी तिथि सुबह 7:35 से शुरू हो जाएगी जिसका समापन अगले दिन यानी 6 मई को सुबह 08:38 पर होगा।
इस दिन सुबह स्नान कर, साफ कपड़े पहन लें और व्रत का संकल्प लें और पूजा स्थल को गंगाजल से साफ कर वहां माता सीता, भगवान राम, लक्ष्मण और हनुमान जी की मूर्तियां या चित्र स्थापित करें। मां सीता को लाल वस्त्र, फूल, फल, पंचामृत, चावल, हल्दी-कुमकुम, सिंदूर, और मीठा भोग अर्पित करें। सीता चालीसा और सीता स्तुति का पाठ करें। मां की व्रत कथा पढ़ें और आखिर में माता की आरती करें।
सीता नवमी या जानकी नवमी के दिन विधि-विधान से मां सीता का पूजन किया जाता है। इस दिन मां सीता की पूजा करने से कल्याण, धन, सुख, समृद्धि और आनंद की प्राप्ति होती है। मान्यता है कि, विवाहित महिलाओं के लिए को इस दिन मां सीता की पूजा जरूर करनी चाहिए। इससे महिलाओं में तपस्या, नम्रता, मातृत्व और भक्ति जैसे गुण विकसित होते हैं।