Home » Religion » 2026 Navratri Kab Hai: When is the countdown to Chaitra Navratri? You will be surprised to know when it begins and why it is special
2026 Navratri Kab Hai: चैत्र नवरात्रि की काउंटडाउन शुरू! किस दिन होगी शुरुआत और क्यों है यह खास, आप भी जानकर रह जाएंगे हैरान
2026 Navratri Kab Hai: अंग्रेजी नए साल की शुरुआत 1 जनवरी से होता है। हिंदू नववर्ष 2026 की शुरुआत चैत्र माह से होगी। भारत के अलग-अलग क्षेत्रों में यह दिन गुड़ी पड़वा, युगादि, चेटी चंद आदि नामों से बड़े उत्साह और पारंपरिक रीति-रिवाजों के साथ मनाया जाता है।
Publish Date - December 3, 2025 / 03:31 PM IST,
Updated On - December 3, 2025 / 04:10 PM IST
(2026 Navratri Kab Hai / Image Credit: IBC24 News)
HIGHLIGHTS
19 मार्च 2026 से शुरू होगा नया विक्रम संवत 2083।
हिंदू नववर्ष की शुरुआत चैत्र शुक्ल प्रतिपदा से मानी जाती है।
इसे गुड़ी पड़वा, युगादि और चेटी चंद के रूप में देशभर में मनाया जाता है।
2026 Navratri Kab Hai: अंग्रेजी कैलेंडर के अनुसार नया साल 1 जनवरी से शुरू होता है, लेकिन भारतीय संस्कृति में हिंदू नववर्ष की शुरुआत चैत्र मास के शुक्ल पक्ष की प्रतिपदा से मानी जाती है। देशभर में यह पर्व बड़े हर्ष और उत्साह से मनाया जाता है। अलग-अलग राज्यों में यह दिन गुड़ी पड़वा, युगादि, चेटी चंद जैसे विभिन्न नामों से प्रसिद्ध है।
चैत्र प्रतिपदा का आध्यात्मिक महत्व
धार्मिक मान्यताओं के अनुसार, इसी तिथि को भगवान ब्रह्मा ने सृष्टि की रचना का प्रारंभ किया था। यही वह दिन है जब चैत्र नवरात्रि भी शुरू होते हैं, जिनमें मां दुर्गा के नौ स्वरूपों की उपासना की जाती है। ऐसा माना जाता है कि इन नौ दिनों की पूजा से साधक को जीवन के कष्टों से मुक्ति मिलती है और शुभ फल प्राप्त होते हैं।
हिंदू नववर्ष 2026 की तिथि
वैदिक पंचांग के मुताबिक, वर्ष 2026 में हिंदू नववर्ष का शुभारंभ 19 मार्च 2026 को होगा, जब चैत्र मास के शुक्ल पक्ष की प्रतिपदा तिथि पड़ेगी। इस बार नवसंवत्सर विक्रम संवत 2083 का आरंभ होगा।
नववर्ष 2026 का राजा और मंत्री कौन?
चूंकि इस बार नववर्ष की शुरुआत गुरुवार से हो रही है, इसलिए संवत्सर का राजा गुरु (बृहस्पति) और मंत्री मंगल माने जाएंगे। ज्योतिष के अनुसार, यह संयोजन कुछ विशेष प्रकार के शुभ संकेत देते हैं।
हिंदू नववर्ष पर क्या करना चाहिए?
सुबह जल्दी उठकर ईश्वर का ध्यान करें।
स्वच्छ वस्त्र पहनें और घर की साफ-सफाई कर दीपक जलाएं।
देवी-देवताओं की विधि-विधान से पूजा-अर्चना करें।
आरती करें और भोग लगाकर वर्षभर की सुख-शांति की प्रार्थना करें।