Significance of Jyeshtha Purnima 2023
नई दिल्ली : Jyeshtha Purnima 2023: हिंदू पंचांग के अनुसार हर माह की आखिरी तिथि पूर्णिमा तिथि होती है। इस दिन मां लक्ष्मी की पूजा का विधान है। ज्येष्ठ माह की पूर्णिमा तिथि इस बार 3 जून के दिन पड़ रही है। वहीं, 4 जून को स्नान-दान किया जाएगा। इस दिम पूजा, जप, तप, स्नान-दान आदि से विशेष फलों की प्राप्ति होती है। धार्मिक मान्यता है कि पूर्णिमा तिथि के दिन पवित्र नदी में स्नान करने से भगवान विष्णु और मां लक्ष्मी की कृपा प्राप्ति होती है। साथ ही व्यक्ति को अमोघ फल मिलता है।
Jyeshtha Purnima 2023: ज्योतिष शास्त्र के अनुसार पूर्णिमा के दिन मां लक्ष्मी की पूजा-उपासना जहां धन की देवी को प्रसन्न करती है। वहीं, व्यक्ति की सभी मनोकामनाएं पूर्ण होती हैं।ज्योतिष शास्त्र में पूर्णिमा तिथि के दिन भगवान विष्णु और मां लक्ष्मी को प्रसन्न करने के लिए कई विशेष उपायों के बारे में बताया गया है। अगर आप भी धन की देवी को प्रसन्न करना चाहते हैं, तो ज्येष्ठ पूर्णिमा के दिन इन उपायों को अवश्य करें।
Jyeshtha Purnima 2023: – ज्योतिष शास्त्र के अनुसार ज्येष्ठ पूर्णिमा के दिन गंगाजल मिश्रित जल से स्नान करना चाहिए। इससे भगवान विष्णु और मां लक्ष्मी की कृपा प्राप्त होती है। इस दिन एक चौकी पर भगवान विष्णु और मां लक्ष्मी की मूर्ति स्थापित करें। भगवान विष्णु की पूजा पीले रंग के फूल, धूप, फल, दीप और हल्दी आदि से करें।
इसके अलावा, प्रसाद में पीले और सफेद रंग की मिठाई का भोग लगाएं। वहीं, मां लक्ष्मी को 11 कौड़ियां अर्पित करें। पूजा के दौरान कौड़ियों पर हल्दी का तिलक लगाएं। आखिर में आरती अवश्य करें और साथ में सुख, समृद्धि और धन वृद्धि की कामना करें। अगले दिन इन कौड़ियों को लाल रंग के कपड़े में बांधकर तिजोरी में रख दें। इससे व्यक्ति की धन संबंधी परेशानी दूर होती हैं और धन का आगमन बढ़ता है।
Jyeshtha Purnima 2023: – मां लक्ष्मी को प्रसन्न करने के लिए ज्येष्ठ पूर्णिमा के दिन पूजा के समय हाथ में लाल रंग का फूल ले लें और मां लक्ष्मी का ध्यान करें। साथ ही, सुख-समृद्धि और धन प्राप्ति की कामना करें। इस फूल को मां के चरणों में अर्पित कर दें. अगले दिन इस फूल को तिजोरी में रख दें।
– ज्येष्ठ माह की पूर्णिमा के दिन मां लक्ष्मी की कृपा पाने के लिए लाल रंग के कपड़े में सवा किलो साबुत चावल रख लें। फिर कपड़े को बांध लें और ओम श्रीं श्रीये नम: मंत्र का जाप करते रहे। आखिर में तिजोरी में चावल की पोटली रख दें।