नई दिल्ली: 25 जून 1975 ये वो तारीख है जब देश में आपातकाल लगाया गया। देश में इमरजेंसी को काले अध्याय पर तौर पर हर साल याद किया जाता है। ये सच है कि कांग्रेस की सियासी पारी का सबसे बड़ा दाग है आपातकाल लिहाजा भाजपा ने इसी कमजोर नस को फिर दबाया है। कांग्रेस को आइना दिखाते हुए, संविधान का सबसे बड़ा दुश्मन बताया है। हाल ही में 2024 के चुनाव निपटे हैं, नतीजों ने बीजेपी नेताओं को सत्ता तो दी, लेकिन साथ ही सबक भी दिया। सवाल ये है कि क्या 50 साल बाद इमरजेंसी की इतनी याद ,चुनाव कैंपेन में बीजेपी के खिलाफ सेट नरेटिव को तोड़ने कि लिए ही है।
संसद के पहले दिन कांग्रेस नेताओं ने संविधान की किताब लहराकर सरकार को घेरा था तो दूसरा दिन बीजेपी के नाम रहा। बीजेपी ने 25 जून 1975 को इंदिरा गांधी की लागू की गई इमरजेंसी की 50वीं वर्षगांठ मनाई और कांग्रेस को संविधान विरोधी ठहराते हुए कटघरे में खड़ा करने की कोशिश की। पीएम मोदी यूं तो संसद सत्र के आगाज से पहले ही अपने इरादे जाहिर कर चुके थे। वहीं मंगलवार सुबह इसे लेकर पीएम ने X पोस्ट कर कांगेस को एक बार फिर निशाने पर लिया। PM मोदी ने X पोस्ट में लिखा।
‘आज का दिन उन सभी महान पुरुषों और महिलाओं को श्रद्धांजलि देने का दिन है जिन्होंने आपातकाल का विरोध किया। आपातकाल का काला दिन हमें याद दिलाते हैं कि कैसे कांग्रेस पार्टी ने बुनियादी स्वतंत्रता को नष्ट कर दिया और भारत के संविधान को कुचल दिया। जिसका हर भारतीय बहुत सम्मान करता है’
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बीजेपी ने देशभर में इसे लेकर जहां प्रदर्शन और सभाएं की तो वहीं संसद सत्र के दौरान भी बीजेपी और NDA नेताओं ने कांग्रेस को इमरजेंसी के लिए जिम्मेदार ठहराया।
बीजेपी इमरजेंसी की 50वीं वर्षगांठ पर कांग्रेस पर हमलावर रही तो वहीं कांग्रेस नेताओं ने इसे देश के मूल मुद्दों से लोगों का ध्यान भटकाने की साजिश करार दिया। मध्यप्रदेश में भी बीजेपी ने आपातकाल की 50वीं वर्षगांठ मनाई। भोपाल में बीजेपी नेताओं ने आसमान में काले गुब्बारे छोड़े और मीसाबंदियों का सम्मान किया। वहीं सीएम मोहन यादव ने कांग्रेस से देश से माफी की मांग की। जिस पर सियासत भी गरमाई।
छत्तीसगढ़ में भी इमरजेंसी की वर्षगांठ पर सियासत अपने चरम पर रही। सीएम विष्णुदेव साय ने X पोस्ट के साथ एक वीडियो शेयर करते हुए लिखा।
‘तानाशाही रवैए की उपज भारतीय लोकतंत्र और राजनीति के सबसे काले अध्याय आपातकाल 25 जून 1975 के विरोध में उठी प्रत्येक आवाज और देश को जागृत करने वाली विभूतियों को सादर नमन।’
छत्तीसगढ़ भाजपा ने भी कार्टून पोस्टर जारी कर कांग्रेस पर तंज कसा इस पोस्टर में पूर्व प्रधानमंत्री इंदिरा गांधी को संविधान के टुकड़े करते हुए दिखाया गया। बीजेपी के हमलों के बाद कांग्रेस नेताओं ने पलटवार किया कि मोदी राज में देश में पिछले 10 साल से अघोषित आपातकाल जैसे हालात हैं।
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लोकसभा चुनाव खत्म हुए लेकिन लगता है। नेता अभी तक चुनावी मोड से बाहर नहीं आ पाए हैं। संसद के बाहर जब इतनी तल्खी है तो अंदर कैसे जनहित के मुद्दों पर सार्थक बहस को अंजाम तक पहुंचा पाएंगे। संसद सत्र के शुरुआती दो दिन सांसदों की शपथ के लिए थे जो गुजर चुके हैं। अब सत्ता पक्ष और विपक्ष की असली परीक्षा बुधवार को होगी। जब लोकसभा अध्यक्ष और उपाध्यक्ष का चुनाव होगा। इसमें आम सहमति बनती है या चुनाव का रास्ता अपनाया जाता है इस पर सबकी नजर रहेगी।