#SarkaronIBC24: कांग्रेस जिलाध्यक्ष के बदलने के कई सियासी मायने, पीसीसी चीफ को हटाए जाने पर फिलहाल विराम
#SarkaronIBC24: पायलट ने कांग्रेस की मैराथन बैठक में साफ कहा था कि बूथ से लेकर प्रदेश स्तर तक खाली पदों को भरा जाएगा..साथ ही निष्क्रिय पदाधिकारियों को हटाया जाएगा..
#SarkaronIBC24
- बूथ से लेकर प्रदेश स्तर तक खाली पदों को भरा जाएगा
- कांग्रेस जिलाध्यक्ष के बदलने के कई सियासी मायने
रायपुर: #SarkaronIBC24 छत्तीसगढ़ कांग्रेस ने अपने 11 नए जिला अध्यक्षों को बदल दिया है..हालांकि इसकी सुगबुगाहट कांग्रेस प्रदेश प्रभारी सचिन पायलट के दौरे पर ही संकेत मिल गए थे..पायलट ने कांग्रेस की मैराथन बैठक में साफ कहा था कि बूथ से लेकर प्रदेश स्तर तक खाली पदों को भरा जाएगा..साथ ही निष्क्रिय पदाधिकारियों को हटाया जाएगा..
जिन जिलों में नए अध्यक्ष की नियुक्ति हुई है..उसमें..कोंडागांव, कोरबा शहर, कोरबा ग्रामीण, बलौदाबाजार , सारंगढ़ , सरगुजा, बलरामपुर, बेमेतरा, बालोद, दुर्ग और नारायणपुर शामिल है.. कांग्रेस जिलाध्यक्षों की नियुक्ति या बदलाव ऐसे समय में हुआ है जब कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी देशभर में कांग्रेस जिलाध्यक्षों से मुलाकात कर सीधे संवाद करने वाले हैं.. छत्तीसगढ़ के जिलाध्यक्षों से 3 अप्रैल को राहुल गांधी संवाद करेंगे..
ऐसे में कांग्रेस जिलाध्यक्ष के बदलने के कई सियासी मायने भी निकाले जा रहे हैं.. मसलन..पीसीसी चीफ दीपक बैज को हटाए जाने पर फिलहाल विराम लग गया है..दीपक बैज ने नए जिलाध्यक्ष बनाने में रखा ध्यान है..टीएस, भूपेश और महंत गुट का पूरा ध्यान रखा गया है, सामंजस्य बनाने की कोशिश की है..बालोद और दुर्ग जिलाध्यक्ष कट्टर भूपेश समर्थक हैं..बेमेतरा में नियुक्त किए गए आशीष भी भूपेश समर्थक हैं..सरगुजा और बलरामपुर टीएस सिंहदेव की पसंद हैं..कोरबा और शहर-ग्रामीण महंत की पसंद हैं..जबकि बस्तर में दीपक बैज के समर्थक अध्यक्ष बने हैं..ऐसी चर्चा है कि आने वाले समय में और भी जिलों के अध्यक्ष बदले जाएंगे..
एक तरफ छत्तीसगढ़ कांग्रेस संगठन को मजबूत करने लगातार कवायद कर रही है.. तो दूसरी तरफ कलह का दौर जारी है..शनिवार को मनेंद्रगढ़ में विधानसभा स्तरीय कार्यकर्ता सम्मेलन में कांग्रेस सह प्रभारी जरिता लैतफलांग की मौजूदगी में हंगामा हुआ.
इससे पहले सचिन पायलट जब छत्तीसगढ़ दौरे पर आए थे..उस वक्त भी पायलट की मौजूदगी में कांग्रेस पॉलिटिकल अफेयर्स कमेटी की बैठक में पार्टी के बड़े नेताओं के बीच आपसी कहासुनी की खबर सामने आई थी…कांग्रेस की बैठकों में अनबन की खबरों पर बीजेपी भी चुटकी ले रही है..
कुल मिलाकर ये पहली बार नहीं है जब कांग्रेस के भीतर नाराजगी और कलह पब्लिक डोमेन पर आई है.. सबको पता है कि 2023 में सरकार में बैठी कांग्रेस को पार्टी के भीतर ढाई-ढाई साल की CM पद की रेस ले डूबी..लगता है सत्ता गंवाने के बावजूद कांग्रेस नेता सबक नहीं ले रहे…

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