Govt Scheme: जरूरी डॉक्यूमेंट्स नहीं तो सरकारी स्कीम से बाहर!… जानिए कौन-कौन से कागज रखने हैं तैयार

Govt Scheme: जरूरी डॉक्यूमेंट्स नहीं तो सरकारी स्कीम से बाहर!... जानिए कौन-कौन से कागज रखने हैं तैयार

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Modified Date: June 8, 2025 / 04:39 PM IST
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Published Date: June 8, 2025 4:29 pm IST
HIGHLIGHTS
  • पारंपरिक कारीगरों के लिए शुरू हुई प्रधानमंत्री विश्वकर्मा योजना
  • दो चरणों में मिलेगा बिना गारंटी का लोन- ₹1 लाख और ₹2 लाख
  • योजना का मकसद: हुनर को सम्मान और रोजगार को मजबूती देना

Govt Scheme: भारत के लाखों दस्तकार और पारंपरिक कारीगर अपने हाथों के हुनर से न केवल अपनी रोजी-रोटी कमाते हैं, बल्कि देश की सांस्कृतिक पहचान और ग्रामीण अर्थव्यवस्था को भी मजबूत बनाते हैं। ऐसे मेहनती लोगों को आर्थिक रूप से सशक्त बनाने के लिए केंद्र सरकार ने प्रधानमंत्री विश्वकर्मा योजना की शुरुआत की है। यह योजना 17 सितंबर 2023 को लागू की गई थी और इसका मुख्य उद्देश्य पारंपरिक कार्यों से जुड़े लोगों को सम्मान और सहयोग देना है।

योजना का लाभ किसे मिलेगा?

इस योजना का लाभ व लोग उठा सकते हैं जो अपने पारंपरिक औजारों और हाथों से काम करते हैं और जिनका यह पेशा पीढ़ियों से चला आ रहा है। जिसमें दर्जी, सुनार, लोहार, कुम्हार, राजमिस्त्री, नाव निर्माता, जूता बनाने वाले, धोबी, नाई, झाड़ू व चटाई बनाने वाले, मूर्तिकार, खिलौना बनाने वाले और पत्थर तराशने जैसे हुनरमंद शामिल हैं। सरकार का लक्ष्य है कि इन कारीगरों को कौशल प्रशिक्षण, तकनीकी सहायता और वित्तीय मदद देकर आत्मनिर्भर बनाना।

लोन कैसे मिलेगा और राशि कितनी होगी?

इस योजना के तहत कारीगरों को दो चरणों में आसान ऋण की सुविधा प्रदान की जाएगी-

पहली किस्त में 1 लाख रुपये तक का लोन मिलेगा, जिसकी पुनर्भुगतान अवधि 18 महीने होगी।
दूसरी किस्त में 2 लाख रुपये तक का लोन मिलेगा, जिसे 30 महीने में चुकाना होगा।

इस लोन पर केवल 5% ब्याज दर रखी गई है, क्योंकि सरकार इसमें सब्सिडी दे रही है। यह पूरी प्रक्रिया बिना किसी गारंटी के होगी, क्योंकि लोन CGTMSE योजना के अंतर्गत सुरक्षित रहेगा।

योजना का मकसद

प्रधानमंत्री विश्वकर्मा योजना का मुख्य उद्देश्य पारंपरिक कारीगरों के काम को केवल रोजगार तक सीमित न रखते हुए, उसे सम्मान और नई पहचान देना है। जिससे जहां एक तरफ उनकी आर्थिक स्थिति में सुधार होगा, वहीं दूसरी तरफ भारत की पारंपरिक कारीगरी को वैश्विक स्तर पर पहचान मिलेगी। यह योजना ‘वोकल फॉर लोकल’ के विजन को भी मजबूती प्रदान करेगी।

प्रधानमंत्री विश्वकर्मा योजना क्या है?

यह केंद्र सरकार की एक योजना है, जो पारंपरिक कारीगरों और दस्तकारों को वित्तीय सहायता, कौशल प्रशिक्षण और तकनीकी मदद प्रदान करती है।

कौन-कौन इस योजना के लिए पात्र हैं?

दर्जी, सुनार, लोहार, कुम्हार, मूर्तिकार, नाव निर्माता, राजमिस्त्री, नाई, धोबी, जूता बनाने वाले और अन्य पारंपरिक कारीगर इस योजना के लाभार्थी हो सकते हैं।

इस योजना में कितना लोन मिलता है और किस तरह से?

योजना के तहत दो किस्तों में लोन मिलता है— पहली किस्त ₹1 लाख (18 महीनों में चुकाना), और दूसरी किस्त ₹2 लाख (30 महीनों में चुकाना)।

लोन पर ब्याज कितना लगेगा?

लाभार्थी को केवल 5% ब्याज दर पर लोन मिलेगा, जिसमें सरकार सब्सिडी देगी।